तीन बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता संगीतकार रिकी केज ने भारतीय राष्ट्रगान का स्मारकीय संस्करण तैयार कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के बाद, अब भारतीय संगीत और संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। हाल ही में उन्होंने रियाद, सऊदी अरब में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की। इस विशेष अवसर पर केज ने भारतीय संस्कृति और वैश्विक संगीत के बीच सामंजस्य बढ़ाने पर चर्चा की
रियाद में आयोजित संयुक्त राष्ट्र के डेजर्टिफिकेशन कन्वेंशन (UNCCD) की COP16 के दौरान राष्ट्रपति मैक्रों और केज के बीच यह मुलाकात हुई। इस आयोजन पर केज ने कहा,
“यह मेरे लिए गर्व का क्षण था। रियाद में आयोजित लंच के दौरान राष्ट्रपति मैक्रों ने सऊदी अरब के संस्कृति मंत्री महामहिम प्रिंस बदर बिन अब्दुल्ला बिन फरहान अल सऊद से मेरा परिचय कराया। हमने भारतीय और सऊदी सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर विचार साझा किए।”
केज ने यह भी बताया कि लंच के दौरान राष्ट्रपति मैक्रों ने खुद उनके फोन से एक सेल्फी ली। सोशल मीडिया पर उन्होंने इस सेल्फी को साझा करते हुए लिखा,
“वाह! क्या दिन था। राष्ट्रपति मैक्रों और महामहिम प्रिंस बदर के साथ संगीत और कला के माध्यम से दुनिया को जोड़ने की दिशा में शानदार चर्चा हुई। यह मेरे लिए बेहद खास रहा।”
केज ने भारतीय संगीत को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा,
“प्रधानमंत्री मोदी जी ने भारत को विश्व मानचित्र पर मजबूती से स्थापित किया है। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने न केवल भारत को बल्कि हमारी संस्कृति और कलाकारों को भी वैश्विक मंच पर अग्रणी बनाया है। उनके प्रयासों से भारतीय संगीत का पुनर्जागरण हुआ है, जिससे हमारे शास्त्रीय और लोक संगीतकार भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहे जा रहे हैं।”
इस मुलाकात ने भारतीय संगीत और संस्कृति को विश्व मंच पर नई ऊंचाई दी है। केज ने कहा,
“मेरा उद्देश्य भारतीय संगीत को एक वैश्विक भाषा के रूप में प्रस्तुत करना है। राष्ट्रपति मैक्रों और प्रिंस बदर के साथ हुई चर्चा से मुझे नई संभावनाओं को तलाशने की प्रेरणा मिली है।”
संगीत, कला और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के इस ऐतिहासिक क्षण ने भारतीय कला के प्रति वैश्विक सम्मान को और बढ़ाया है। रिकी केज के प्रयासों ने न केवल भारतीय कलाकारों को प्रेरित किया है, बल्कि भारतीय संस्कृति को नई पहचान दिलाने का मार्ग भी प्रशस्त किया है।