पूर्वी दिल्ली के डिफेंस एनक्लेव स्थित बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में वीर बाल दिवस के अवसर पर गुरुमति समागम का भव्य आयोजन हुआ। इस मौके पर गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश किया गया और साहिबजादों के अदम्य साहस और बलिदान को याद किया गया।
गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब के अध्यक्ष सरदार कुलविंदर सिंह जी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने साहिबजादों के बलिदान को सर्वोच्च बताते हुए छात्रों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने का संदेश दिया। गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी दिलबाग सिंह जी ने साहिबजादों की वीरता और सिख धर्म के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला।
विद्यालय के प्रबंधक योगेश अरोड़ा जी ने बताया कि 9 वर्षीय बाबा जोरावर सिंह और 7 वर्षीय बाबा फतेह सिंह को औरंगजेब के आदेश पर दीवार में जिंदा चिनवा दिया गया था, लेकिन उनके बलिदान ने भारत की संस्कृति और धर्म को गौरवान्वित किया। प्रधानाचार्य संतोष आहूजा जी ने छात्रों को साहिबजादों के जीवन मूल्यों को अपनाने और अपने माता-पिता व गुरुजनों का सम्मान करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के कीर्तन जत्थे ने शबद-कीर्तन प्रस्तुत किया, और छात्रों ने साहिबजादों की वीरता पर कविताएं सुनाईं। पूरे आयोजन में “जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” के जयकारों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया।
यह समागम न केवल छात्रों बल्कि उपस्थित समाज के लोगों को भी साहिबजादों के बलिदान से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित कर गया।