पूर्वी दिल्ली, 15 दिसंबर: संस्कृत राष्ट्रवादी चिकित्सक संघ के तत्वाधान में आज 101 चिकित्सकों की त्रिशूल दीक्षा का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के उपरांत बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में एक आक्रोश मार्च निकाला गया। मार्च के समापन पर जीटीबी एनक्लेव के थानाध्यक्ष को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार को तत्काल रोकने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई।
त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम में महामंडलेश्वर संत नवल किशोर दास ने चिकित्सकों को त्रिशूल प्रदान किया और इसकी महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “त्रिशूल ईश्वर के हाथों में शक्ति का प्रतीक है, जिसका उपयोग धर्म की रक्षा के लिए किया जाता है। यह शस्त्र किसी को हानि पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि स्वयं में जागरूकता और धर्म के प्रति समर्पण का प्रतीक है।”
इस कार्यक्रम के बाद आयोजित आक्रोश मार्च में 500 से अधिक चिकित्सकों ने भाग लिया और दिलशाद गार्डन क्षेत्र में नारे लगाते हुए अपनी आवाज बुलंद की।
कार्यक्रम में डॉक्टर राजेंद्र अग्रवाल (कार्डियोलॉजिस्ट), डॉक्टर कमल किशोर (फिजिशियन), डॉक्टर एस. के. गुप्ता, डॉक्टर मीनाक्षी, डॉक्टर सुरेश गौड़, डॉक्टर पीयूष जैन, डॉक्टर वरुण त्यागी, डॉक्टर निरुपमा, डॉक्टर मुस्कान, डॉक्टर वैभव समेत कई प्रतिष्ठित चिकित्सक उपस्थित रहे।
संस्कृत राष्ट्रवादी चिकित्सक संघ की अध्यक्षा और कार्यक्रम की संयोजिका, डॉ. ममता त्यागी ने कहा, “आज हिंदुओं को मजबूरी में सड़कों पर उतरना पड़ रहा है क्योंकि बांग्लादेश में उनके साथ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। अब समय आ गया है कि इन घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ठोस कार्रवाई करे।”
दिल्ली पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के चलते यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। अंत में, डॉ. ममता त्यागी ने मीडिया कर्मियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सहयोग से यह संदेश जन-जन तक पहुंचा है।