“गोपाष्टमी महापर्व” पर इंद्रप्रस्थ दिल्ली में आज “षोडश संस्कार” पर एक संगोष्ठी का आयोजन “आदि शंकराचार्य जनसेवा ट्रस्ट” के द्वारा हिंगलाज भवानी मंदिर मधु विहार, इंद्रप्रस्थ विस्तार में किया गया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तरी क्षेत्र के परिवार प्रबोधन प्रमुख श्री भगवान दास जी मुख्य अतिथि के रूप में पधारे। कार्यक्रम के प्रस्तावना संबोधन में आचार्य शुभेश शर्मन, श्री राम शक्ति पीठ दिल्ली ने रखते हुए विवाह संस्कार को पूर्ण अनुपालन करने की आवश्यकता के महत्व पर विचार रखते हुए बताया कि अगर षोडश संस्कारों में अत्यन्त महत्वपूर्ण विवाह संस्कार का वैदिक विधि से निर्वहन हो तो समाज का पूर्ण हित करते हुए संस्कार जीवन के साथ दहेज निरामिष भोजन मद्यपान जैसी कुरीतियों से बचा जा सकता है ।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता आचार्य यशपाल शास्त्री जी ने षोडश संस्कारों का विस्तार सूक्ष्म विवेचना कर गर्भाधान लेकर अंत्येष्टि संस्कारों को अपनाने के लिए समाज को प्रेरित किया । उन्होंने प्रत्येक संस्कार के वैदिक सामाजिक महत्व का विस्तार पूर्वक वर्णन किया उन्होंने बताया आज के संदर्भ में षोडश संस्कारों को अपनाने से बाल विकास रोग निवारण शारीरिक मानसिक शैक्षिक आर्थिक सामाजिक सभी प्रकार का संतुलित और श्रेष्ठ मानव जीवन यापन किया जा सकता है । आदि शंकराचार्य जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष दीपक गुप्ता जी ने बताया कि संस्कार ही जीवन को संपूर्ण सामाजिक सद्भाव का मूल आधार है विशेष अतिथि भगवान दास जी ने एक गीत के माध्यम से परिवारों की एकता कैसे हो इसके लिए प्रेरित किया। ट्रस्ट के अधिकारी बंधुओ महेश हिंगोरानी, विनोद सिंघल, वासुदेव बंसल, दीपक अग्रवाल, अरविंद गुप्ता, प्रदीप गर्ग, प्रवीण पाठक, प्रधुम्न, मनीष जैन इत्यादि ने का उत्साह पूर्वक कार्यक्रम संपादन किया।