दिल्ली पुलिस की द्वारका जिले की साइबर सेल टीम ने एक धोखाधड़ी मामले में राजस्थान के दौसा जिले से एक्सिस बैंक के पूर्व कर्मचारी धन सिंह राजपूत (31 वर्ष) को गिरफ्तार किया है। उसके पास से एक डेबिट कार्ड, चेक बुक और एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है। आरोपी की गिरफ्तारी से पूरे भारत में 153 साइबर धोखाधड़ी के मामलों का खुलासा हुआ है
एफआईआर नंबर 134/23 धारा 420 आईपीसी के तहत दर्ज शिकायत के अनुसार, द्वारका निवासी प्रेम लता (32 वर्ष) को 14 सितंबर 2023 को एक कॉल आया, जिसमें कॉलर ने बताया कि उनके पति के वेतन का ₹25,000 उनके पास है। कॉलर ने आगे बताया कि उनके पति ने कहा है कि यह राशि गूगल पे के माध्यम से भेज दी जाए, क्योंकि यह उनके बैंक खाते में ट्रांसफर नहीं हो पा रही थी। शिकायतकर्ता को ₹20,000 और ₹50,000 की दो संदेश प्राप्त हुए। इसके बाद कॉलर ने शिकायतकर्ता से कहा कि उसने गलती से ₹50,000 भेज दिए हैं और उसे ₹45,000 वापस कर दें। शिकायतकर्ता ने ₹45,000 वापस कर दिए, लेकिन बाद में उन्हें उस राशि के रिफंड का संदेश मिला। इसके बाद, कॉलर ने फिर से राशि जमा करने के लिए कहा और इस तरह उसने शिकायतकर्ता से ठगी कर ली
जांच के दौरान, आईओ हेड कांस्टेबल कृष्ण सैनी ने एक संदिग्ध बैंक खाता धारक, भारती मीणा को धारा 41ए सीआरपीसी के तहत नोटिस जारी किया। पूछताछ में उसने बताया कि धन सिंह नाम के व्यक्ति ने उसके भैंस पर लोन देने के बहाने उसका बैंक खाता खुलवाया था। कुछ समय बाद वह व्यक्ति उसके घर आया और लोन ना मिलने के बहाने बैंकिंग किट (डेबिट कार्ड आदि) ले गया। धारा 41ए सीआरपीसी के तहत आरोपी धन सिंह राजपूत को भी नोटिस जारी किया गया, जो दौसा, राजस्थान का निवासी है। पूछताछ में उसने बताया कि वह एक्सिस बैंक का कर्मचारी था और बैंक नीति के अनुसार खाते खोलता था। जांच में खुलासा हुआ कि उसने 16 बैंक खाते खोले थे, जिनका उपयोग पूरे भारत में धोखाधड़ी की रकम प्राप्त करने के लिए किया गया था। 17 अगस्त 2024 को धन सिंह को गिरफ्तार किया गया और उसे अदालत में पेश किया गया, जहाँ से उसका दो दिन का पुलिस रिमांड लिया गया।
मुख्य आरोपी धन सिंह राजपूत की गिरफ्तारी के लिए डीसीपी द्वारका के समग्र पर्यवेक्षण और एसीपी राम अवतार एवं इंस्पेक्टर बीरेंद्र सिंह के निकट पर्यवेक्षण में एसआई विकास कुमार और एचसी कृष्ण की टीम गठित की गई। इस टीम ने धन सिंह को 17 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया।धन सिंह ग्रामीणों को उनके भैंस पर लोन दिलाने का झांसा देकर बैंक खाते खुलवाता था और बाद में लोन न मिलने के बहाने बैंकिंग किट वापस ले लेता था। वह इन बैंक खातों का उपयोग ऑनलाइन धोखाधड़ी से प्राप्त राशि को हासिल करने के लिए करता था। मामले की जांच जारी है।