नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (न्यू दिल्ली रेंज, आर.के. पुरम) की टीम ने एक अंतरराज्यीय कुख्यात मेवाती अपराधी इमरान को गिरफ्तार किया है, जो करीब आठ साल से फरार चल रहा था। इमरान जयपुर के मुरलीपुरा थाना क्षेत्र में दर्ज डकैती व अपहरण के मामले में वांछित था। उस पर डीसीपी जयपुर वेस्ट द्वारा ₹5,000 का इनाम घोषित किया गया था।
2017 में इमरान और उसके साथियों ने जयपुर के मुरलीपुरा इलाके में एक ट्रक को रोककर उसके चालक को बंधक बना लिया था। इसके बाद ट्रक में लदे प्लास्टिक ग्रेन्यूल्स, जिसकी कीमत करीब 40 लाख रुपये थी, को लूट लिया गया था। वारदात के बाद आरोपियों ने ट्रक और ड्राइवर दोनों को एक सुनसान इलाके में छोड़ दिया था। लंबे समय तक गिरफ्तारी से बचते हुए इमरान अदालत द्वारा घोषित उद्घोषित अपराधी बन गया था।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर, क्राइम ब्रांच की टीम लगातार वांछित और इनामी अपराधियों की तलाश में जुटी थी। इंस्पेक्टर राकेश शर्मा के नेतृत्व में बनी टीम में एसआई अमित ग्रेवाल, नरेंद्र सिंह, एएसआई कमल, और हेड कांस्टेबल दिनेश, इरशाद व नाहंजी शामिल थे। टीम ने इमरान के पैतृक गांव (थाना तावडू, नूंह, हरियाणा) में जाकर गहराई से जांच की, जहां यह पता चला कि वह अहमदाबाद रोडलाइन्स (एआरएल) में ट्रक ड्राइवर के रूप में काम कर रहा है।
पुलिस को 7 अक्टूबर 2025 को एक पुख्ता सूचना मिली कि इमरान पलवल से कोल्हापुर जाने वाला है। टीम तुरंत पलवल पहुंची और वहीं से यह जानकारी मिली कि वह शाम करीब पांच बजे दिल्ली के महिपालपुर इलाके में आने वाला है। पुलिस ने रणनीतिक रूप से जाल बिछाया और बिना किसी प्रतिरोध के इमरान को मौके पर ही दबोच लिया।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया कि इमरान पर पहले भी दो बड़े लूट के मामले दर्ज हैं — अजमेर के किशनगढ़ थाना क्षेत्र में एफआईआर नंबर 64/2017 और जयपुर के मुरलीपुरा थाना क्षेत्र में एफआईआर नंबर 186/2017।
पुलिस ने इमरान के खिलाफ BNSS की धारा 35.1(c) के तहत कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है और राजस्थान पुलिस को आगे की कार्रवाई के लिए सूचित कर दिया गया है।
डीसीपी (क्राइम-IV) पंकज कुमार ने बताया कि यह गिरफ्तारी क्राइम ब्रांच की सतत निगरानी और समर्पित प्रयासों का परिणाम है, जिससे एक लंबे समय से फरार अपराधी को आखिरकार कानून के शिकंजे में लाया गया है।







