दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एईकेसी टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए बिहार के कुख्यात अपराधी विजय कुमार महतो उर्फ विजय महतो को गिरफ्तार किया है। यह वही अपराधी है जिसे हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन वह जेल भेजे जाने से पहले ही फरार हो गया था। आरोपी पर हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती और अवैध हथियार रखने जैसे 14 से अधिक जघन्य अपराधों के मामले दर्ज हैं।
23 और 24 अक्टूबर 2025 की दरमियानी रात को क्राइम ब्रांच की एईकेसी यूनिट को गुप्त सूचना मिली कि फरार अभियुक्त विजय महतो दिल्ली-एनसीआर में कहीं छिपा हुआ है। इस सूचना पर इंस्पेक्टर अमित सोलंकी के नेतृत्व में एसआई अरविंद कुमार, एचसी रविंदर, एचसी नितिन और एचसी भूपिंदर की टीम बनाई गई। एसीपी पंकज अरोड़ा की कड़ी निगरानी में तकनीकी निगरानी और गुप्त स्रोतों की मदद से विजय महतो का ठिकाना ट्रेस किया गया। तत्परता से कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया
27 वर्षीय विजय कुमार महतो पुत्र तिलकधारी महतो, निवासी गांव अररिया, थाना कनहौली, जिला सीतामढ़ी (बिहार), एक कुख्यात और आदतन अपराधी है। वह बिहार के सीतामढ़ी और आसपास के इलाकों में रंगदारी, लूट और संगठित अपराधों के जरिए दहशत फैलाता था। पुलिस जांच में सामने आया है कि वह एक स्थानीय गिरोह का सरगना है, जो व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों और दुकानदारों से जान से मारने की धमकी देकर उगाही करता था।
विजय महतो को सेशन ट्रायल नंबर 10/2021 में सीतामढ़ी की जिला अदालत द्वारा धारा 412, 120-बी, 302, 394 और 307/34 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। यह मामला रुननीसैदपुर थाना केस नंबर 130/2020 से जुड़ा था, जिसमें उसने अनिल महतोनामक एक मेडिकल स्टोर मालिक से रंगदारी मांगी थी। जब अनिल ने पैसे देने से इनकार किया, तो विजय महतो ने 19 मार्च 2020 को अपने साथियों के साथ उसकी दुकान पर धावा बोलकर उस पर चार गोलियां दाग दीं, जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई। गोलीबारी में दुकान का एक कर्मचारी भी घायल हुआ। वारदात के बाद आरोपी फरार हो गया और लगातार ठिकाने बदलता रहा।
3 सितंबर 2025 को उसके खिलाफ वारंट ऑफ कमिटमेंट जारी किया गया था, लेकिन वह जेल भेजे जाने से पहले ही फरार हो गया। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, वह 14 गंभीर मामलों में संलिप्त रहा है, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, अवैध हथियार अधिनियम और रंगदारी जैसे अपराध शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस की टीम ने न सिर्फ एक फरार उम्रकैदी को पकड़ा है, बल्कि बिहार के संगठित अपराध नेटवर्क को भी बड़ा झटका दिया है।क्राइम ब्रांच अब आरोपी से पूछताछ कर रही है, ताकि उसके नेटवर्क और दिल्ली में संभावित संपर्कों का पता लगाया जा सके।







