ट्रंप 2.0’ में कसौटी पर भारत-अमेरिका का रिश्ता

डॉनल्ड ट्रंप का दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति बनना तय हो चुका है। सवाल बड़ा है कि अबकी बार भारत-अमेरिका के संबंध कितने मज़बूत बनेंगे, मोदी-ट्रंप की पुरानी दोस्ती वीज़ा से लेकर ट्रेड और डिफ़ेंस तक क्या बदलाव ले आएगी। अमेरिका को 47वां राष्ट्रपति मिलने जा रहा है, बाइडेन का चेहरा बदलेगा और पिछली बार हार कर जीतने वाले ट्रंप को अमेरिका का नया बाज़ीगर कहा जा रहा है। डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस ने ट्रंप को तगड़ी टक्कर दी। ट्रंप चुनाव जीतकर राष्‍ट्रपति बनने जा रहे हैं, इसका भारत पर भी असर पड़ेगा। संकेत उसी वक़्त मिलने लगे थे जब दीपावली के मौक़े पर X-पोस्ट के कर ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ख़ुद का दोस्त बताया था। ट्रंप जानते हैं कि राष्ट्रवाद की इबारत भारत की संस्कृति से जुड़ी हुई है और इस सूत्र के साथ हर हिंदू ख़ुद को जुड़ा हुआ पाता है। बांग्लादेश में तख़्तापलट के वक़्त हिंदुओं पर अत्याचार हुआ, तब भी ट्रंप ने बुलंद आवाज़ में हिंसा की निंदा की थी।

जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भी एक्स पोस्ट के ज़रिए ट्रंप को बधाई देते हुए लिखा- “मेरे अज़ीज़ दोस्त डॉनल्ड ट्रंप को इलेक्शन में ऐतिहासिक जीत के लिए दिल की गहराईयों से बधाई। अपने पहले कार्यकाल में आपने क़ामयाबी की मिसाल गढ़ी, उसे ध्यान में रखते हुए मुझे उम्मीद है कि भारत-अमेरिका के रणनीतिक रिश्ते और वैश्विक साझेदारी नए आयाम तक पहुंचेगी। चलिए मिलकर देश के नागरिकों की बेहतरी, विश्व शांति और स्थायित्व के लिए काम करें।“ पिछले कार्यकाल में ट्रंप ने खुलकर भारत को समर्थन देते हुए दोस्ती की मिसाल पेश की थी। ख़ास बात ये है कि पिछली बार भारत के पड़ोसी चीन और पाकिस्तान को प्रायोजित आतंकवाद के लिए ट्रंप की लताड़ भी पड़ी थी। हालांकि इस बार डॉनल्ड ट्रंप का ज़ोर ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीतियों पर है। सवाल ये कि इस पॉलिसी का असर सामरिक सहयोग, कूटनीति, सैन्य डील और व्यापार पर कितना पड़ेगा ये विश्लेषण का विषय है।

  1. भारत के साथ व्यापार और ट्रंप की नीतियां: डॉनल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान आर्थिक और व्यापार नीतियों के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका को पहले स्थान पर रखा गया। इस दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका को कई अंतरराष्ट्रीय समझौतों से बाहर रखा गया। ट्रंप प्रशासन एक बार फिर अमेरिका केंद्रित राजनीति पर जोर देगा। ट्रंप ने हाल ही में भारत पर आयात शुल्क बढ़ाने की बात कही है। इस मामले में भारत के फार्मास्युटिकल और कपड़ा उद्योग जिन्हें ट्रम्प ने एक बड़ा ‘दुर्व्यवहारकर्ता’ कहा है, नए आयात शुल्क से प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना मित्र कहते हैं, इसलिए उनकी जीत भारत के लिए एक अवसर भी हो सकती है, बशर्ते ट्रंप चीन को अलग थलग करके व्यापार नीति के लिए प्रतिबद्ध हों। भारत इस स्थिति का फायदा उठाकर चीनी-अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित कर सकता है।
  2. रक्षा, सुरक्षा और आव्रजन (इमिग्रेशन): ट्रंप ने हाल ही में आव्रजन विशेषकर एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर सख्त रुख अपनाया है। अगर ट्रंप प्रशासन वेतन में कटौती और विदेशी श्रमिकों पर दूसरे प्रतिबंध लगाने की कोशिश करता है तो संभावना है कि भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए नौकरी के अवसर कम हो जाएंगे। पिछले कुछ सालों में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच रक्षा और सैन्य सहयोग मजबूत हुआ है। ट्रंप प्रशासन के नेतृत्व में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग में सुधार और मजबूती आने की संभावना है। ट्रंप प्रशासन के तहत भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग बेहतर और मजबूत होने की क्षमता है। ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव को सीमित करने के लिए ‘क्वाड तंत्र’ के माध्यम से अपनी सुरक्षा साझेदारी को मजबूत किया। चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों के साथ तनाव के बीच हथियारों की बिक्री और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ अधिक सैन्य अभ्यास से भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा।
  3. अवैध घुसपैठ: घुसपैठ के मुद्दे पर राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के भी एक जैसे विचार हैं। डॉनल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव में घुसपैठ को मुद्दा बनाया था। इधर भारत में NRC और CAA के ज़रिए मोदी सरकार की तरफ़ से अवैध घुसपैठ को बहुत बड़ी चुनौती दी गई। अगर भारत नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर आगे बढ़ा तो इतना तय है कि ट्रंप का समर्थन यक़ीनन मिलेगा।
  4. आतंकवाद और चरमपंथ- दूसरी बार अमेरिका की कमान संभालने जा रहे ट्रंप आतंकवाद के खिलाफ बहुत आक्रामक रहे हैं। इस्लामिक जिहाद के ख़िलाफ़ ट्रंप की ज़ुबान बार बार खुली है। यहां तक कि वो अमेरिका में मुस्लिमों की बढ़ती आबादी को भी ख़तरा बता चुके हैं। उम्मीद है कि भारत को पाकिस्‍तान परस्त आतंकी संगठनों के ख़िलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अमेरिका का समर्थन मिलेगा।

(लेखक राशिद हाशमी वरिष्ठ पत्रकार और शारदा विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर हैं)

  • Leema

    Related Posts

    “ओडिशा राज्य दिवस पर IIFT मैं संस्कृत संस्कृति, कला और विकास की झलक”

    भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (IITF) के 43वें संस्करण में शुक्रवार को ‘ओडिशा राज्य दिवस’ का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम नई दिल्ली के भारत मंडपम में हुआ, जिसमें ओडिशा के…

    अजय देवगन की ‘नाम’ में एक्शन और थ्रिल का धमाल, 4 स्टार रेटिंग

    अजीब संजोग है कि इस एक्शन थ्रिलर फिल्म के निर्देशक अनीस बज्मी की इन दिनों फिल्म भूल भुलैया 3 बॉक्स आफिस पर धमाका कर रही है तो वही फिल्म के…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    “ओडिशा राज्य दिवस पर IIFT मैं संस्कृत संस्कृति, कला और विकास की झलक”

    • By Leema
    • November 22, 2024
    “ओडिशा राज्य दिवस पर IIFT मैं संस्कृत संस्कृति, कला और विकास की झलक”

    अजय देवगन की ‘नाम’ में एक्शन और थ्रिल का धमाल, 4 स्टार रेटिंग

    • By Leema
    • November 22, 2024
    अजय देवगन की ‘नाम’ में एक्शन और थ्रिल का धमाल, 4 स्टार रेटिंग

    एनेक्स डेवलपमेंट्स ने दुबई में “एवोरा रेजिडेंस” प्रोजेक्ट लॉन्च किया

    • By Leema
    • November 22, 2024
    एनेक्स डेवलपमेंट्स ने दुबई में “एवोरा रेजिडेंस” प्रोजेक्ट लॉन्च किया

    रब्बा करे”: शैल ओसवाल और उर्वशी रौतेला का नया रोमांटिक गीत रिलीज

    • By Leema
    • November 22, 2024
    रब्बा करे”: शैल ओसवाल और उर्वशी रौतेला का नया रोमांटिक गीत रिलीज

    NHAI को फिर से टेंडर आमंत्रित करने का आदेश, लुधियाना बायपास निर्माण कार्य पर गडकरी ने लिया एक्शन

    • By Leema
    • November 22, 2024
    NHAI को फिर से टेंडर आमंत्रित करने का आदेश, लुधियाना बायपास निर्माण कार्य पर गडकरी ने लिया एक्शन

    NEET UG 2024 प्रश्नपत्र चोरी मामले में सीबीआई ने दाखिल की 5वीं चार्जशीट, अब तक 45 आरोपी आरोपित

    • By Leema
    • November 22, 2024
    NEET UG 2024 प्रश्नपत्र चोरी मामले में सीबीआई ने दाखिल की 5वीं चार्जशीट, अब तक 45 आरोपी आरोपित