
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (साउदर्न रेंज) ने एक बड़े ऑपरेशन में अवैध रूप से भारत में घुसपैठ करने वाले बांग्लादेशी नागरिकों के एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में तीन बांग्लादेशी नागरिकों और उनके भारतीय मददगार को गिरफ्तार किया गया है, जो दस्तावेजों की हेराफेरी कर अवैध रूप से इन्हें भारतीय नागरिकता दिलाने का काम कर रहे थे।
गिरफ्तार आरोपियों में गिरोह का सरगना मोहम्मद इकबाल हुसैन उर्फ फरहान खान शामिल है, जो बांग्लादेश में जन्मा और वहीं पला-बढ़ा, लेकिन दिल्ली में खुद को भारतीय नागरिक साबित करने के लिए उसने फर्जी भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड बनवा लिए। इतना ही नहीं, उसने एक विवाह वेबसाइट के जरिए मध्य प्रदेश की एक महिला से शादी भी कर ली, जबकि वह पहले से ही बांग्लादेश में शादीशुदा था।
क्राइम ब्रांच ने इस कार्रवाई में कई भारतीय दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनमें आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट शामिल हैं। जांच में सामने आया कि भारतीय मददगार अग्रसेन कुमार, जो आधार कार्ड बनाने के लिए अधिकृत था, फर्जी दस्तावेजों के जरिए कई बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पहचान दिलवा चुका था।
पुलिस की टीम ने खुफिया जानकारी के आधार पर दिल्ली के साउथ और साउथ-ईस्ट जिलों के साप्ताहिक बाजारों में जाल बिछाया, जहां अवैध रूप से बसे बांग्लादेशी नागरिक कपड़े बेचने का काम कर रहे थे। जांच के दौरान पुलिसकर्मियों ने खुद को दुकानदार बताकर इन संदिग्ध लोगों की जानकारी जुटाई। इसी दौरान पता चला कि फरहान खान के नाम से रहने वाला यह व्यक्ति असल में बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद इकबाल हुसैन है, जो अन्य बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ में मदद कर रहा था।
इसके बाद पुलिस ने नेहरू प्लेस और बादरपुर बॉर्डर पर छापेमारी कर मुख्य आरोपी समेत उसके दो अन्य बांग्लादेशी साथियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरोह का सरगना 2017 में असम बॉर्डर के जरिए भारत में दाखिल हुआ था और दिल्ली आकर जामिया नगर में बस गया था। यहां उसने पहले कपड़ों का व्यापार शुरू किया और फिर अवैध रूप से बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में घुसाने का नेटवर्क तैयार कर लिया।
इससे पहले 2020 में भी यह आरोपी अवैध सिम कार्ड बेचने के मामले में पकड़ा गया था। इतना ही नहीं, 2021 से अब तक वह भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल कर दो बार बांग्लादेश भी जा चुका था। क्राइम ब्रांच अब इस पूरे नेटवर्क की तह तक जाने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है।