नई दिल्ली में आयोजित वार्षिक फार्मा शिखर सम्मेलन 2024 के दौरान, औषधि विभाग के सचिव अरुणिश चावला ने कहा कि मेडिटेक और फार्मास्युटिकल्स उद्योग भारत के निर्यात में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत से दवाइयों और फार्मास्युटिकल्स का निर्यात अब देश के चौथे सबसे बड़े मर्चेंडाइज निर्यात क्षेत्र के रूप में उभरा है।
चावला ने जानकारी दी कि पिछले साल देश में उत्पादित 50% से अधिक दवाओं का निर्यात किया गया और आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र और भी अधिक संभावनाओं के साथ आगे बढ़ेगा। उन्होंने यह भी बताया कि पीएलआई (उत्पादकता लिंक्ड प्रोत्साहन) योजना के तहत 50 नए प्लांट्स अगले दो सालों में पूरे हो जाएंगे, जिससे भारत के मेडिटेक और फार्मा निर्यात को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद मिलेगी।
डॉ. चावला ने बताया कि भारत से 10 बिलियन डॉलर का मेडिटेक और फार्मास्युटिकल्स निर्यात पहले ही पूरा किया जा चुका है, जो दुनिया के उच्चतम नियामक मानकों वाले देशों तक पहुंच रहा है। उन्होंने बताया कि फार्मा उद्योग के लिए नियमों और नीतियों में सुधार किया गया है ताकि भारत को न केवल ‘दुनिया की फार्मेसी’ के रूप में जाना जाए, बल्कि ‘विश्वसनीय फार्मेसी’ के रूप में भी प्रतिष्ठित किया जा सके।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि मेक इन इंडिया पहल ने देश को विनिर्माण महाशक्ति बनाने में अहम योगदान दिया है, जिसमें मेडिटेक और फार्मास्युटिकल्स उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके साथ ही, कई सीआरडीएमओ (कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च मैन्युफैक्चरिंग एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन) भी देश में स्थापित हो रहे हैं, जिससे अनुसंधान और विनिर्माण में नई संभावनाएं उभर रही हैं।
इंडस्ट्री के लिए चुनौतियों का जिक्र करते हुए एसोचैम फार्मा एवं बायोटेक काउंसिल के चेयर ईश्तियाक अमजद ने सस्ती दवाओं की जरूरत और उच्च गुणवत्ता बनाए रखने पर जोर दिया। वहीं, को-चेयर नकुल वर्मा ने भारत की दवाओं की क्षमता को मजबूत करने और नए रास्तों पर काम करने की आवश्यकता बताई।
डेलॉयट इंडिया की पार्टनर नेहा अग्रवाल ने भारत में नवाचार और तकनीकी कौशल को बढ़ाने पर ध्यान देने की बात की, ताकि देश वैश्विक फार्मा क्षेत्र में अधिक योगदान दे सके।
अप्रैल से अगस्त तक के निर्यात आंकड़ों के अनुसार, मेडिटेक और फार्मास्युटिकल्स ने भारत के कुल निर्यात में चौथा स्थान प्राप्त किया है, जो ऑटोमोबाइल, पेट्रोकेमिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स के बाद आता है।