दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल टीम ने एक बड़े ऑपरेशन के तहत 17 साल से फरार चल रहे अंतरराज्यीय अपराधी नुरुल अल्वी उर्फ पप्पू को गिरफ्तार कर लिया है। 54 वर्षीय आरोपी उत्तर प्रदेश के लोनी का निवासी है और उस पर दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, स्नैचिंग और हथियार अधिनियम जैसे 18 से अधिक गंभीर मामलों में संलिप्तता का आरोप है। वह 2007 से पैरोल जंप कर रहा था और लगातार अपनी पहचान बदलकर पुलिस से बचने की कोशिश कर रहा था।
नुरुल अल्वी 2006 के डकैती के एक मामले में भी वांछित था, जो दिलशाद गार्डन (अब हर्ष विहार) थाने में दर्ज है। अदालत ने उसे कई मामलों में भगोड़ा घोषित किया था। 2007 में उसे अदालत द्वारा फरार घोषित किया गया और तब से वह लगातार अपनी पहचान और ठिकाने बदलकर फरार था।
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल टीम ने तकनीकी और ग्राउंड सर्विलांस के जरिए आरोपी की गतिविधियों पर नजर रखी। 9 अक्टूबर 2024 को हेड कॉन्स्टेबल विनोद और मनीष डबास को गुप्त सूचना मिली कि नुरुल अल्वी लोनी, उत्तर प्रदेश में छिपा हुआ है। इस सूचना के आधार पर टीम ने इलाके में निगरानी बढ़ाई और नुरुल के लोकेशन का पता लगाया।
10 अक्टूबर 2024 को टीम ने लोनी के प्रेम नगर इलाके में जाल बिछाया और आरोपी को एक घर के पास से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान उसने अपनी पहचान नुरुल अल्वी उर्फ पप्पू के रूप में स्वीकार की और अपने कई अपराधों में संलिप्त होने की बात कबूल की।
पूछताछ के दौरान नुरुल ने बताया कि उसने बचपन से ही मजदूरी का काम किया, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह अपराधियों के साथ मिल गया और छोटे-मोटे अपराध करने लगा। धीरे-धीरे उसने हत्या, हत्या के प्रयास और डकैती जैसे गंभीर अपराधों में हाथ आजमाया। वह पैरोल पर रिहा होने के बाद वापस नहीं लौटा और तब से फरार था।