नई दिल्ली, 5 नवंबर 2024: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सड़क परिसंपत्ति प्रबंधन पर एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन आज होटल ताज महल, नई दिल्ली में हुआ। संगोष्ठी का विषय था “भारत-ऑस्ट्रेलिया भागीदारी”, जिसमें सड़क बुनियादी ढांचे के प्रबंधन में नवीनतम तकनीकों को लागू करने पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में ध्यान केंद्रित किया गया कि किस तरह भारत की सड़कों और राजमार्गों पर विश्वस्तरीय परिसंपत्ति प्रबंधन के तरीकों को अपनाया जा सकता है।
संगोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय परिवहन अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) और भारतीय सड़क सर्वेक्षण और प्रबंधन प्राइवेट लिमिटेड (आईआरएसएम) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। एनटीआरओ एक प्रमुख ऑस्ट्रेलियाई अनुसंधान संगठन है, जिसे 64 वर्षों से अधिक का अनुभव है और जो सड़क प्रौद्योगिकी, परिसंपत्ति प्रबंधन और सड़क सुरक्षा में विशेषज्ञता रखता है। आईआरएसएम, एनटीआरओ का भारतीय सहयोगी है और देश में उन्नत सड़क माप और मूल्यांकन तकनीकों को लागू करने में अग्रणी है।
संगोष्ठी में भारतीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, एनएचएआई, सीआरआरआई, और विभिन्न राज्य पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ-साथ ऑस्ट्रेलियाई व्यापार और निवेश आयोग (ऑस्ट्रेड) और अन्य प्रमुख संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
एनटीआरओ के सीईओ श्री माइकल कैल्टाबियानो ने सभा को संबोधित करते हुए सड़क परिसंपत्ति प्रबंधन में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूएसए और यूरोपीय संघ देशों में इस्तेमाल हो रही अत्याधुनिक तकनीकों से अवगत कराया। कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण था “इंटेलिजेंट पेवमेंट असेसमेंट व्हीकल” (आईपेव), जो जल्द ही भारत में लागू किया जाएगा। यह तकनीक सड़क की सतह और संरचनात्मक स्थिति का डेटा एक ही बार में एकत्र कर तेज गति से यात्रा करने की क्षमता रखती है।
एनटीआरओ के प्रमुख प्रौद्योगिकी अधिकारी श्री रिचर्ड विक्स ने आईपेव के काम करने के तरीके को समझाया और बताया कि यह तकनीक सड़क बुनियादी ढांचे के मूल्यांकन में निजी निवेशकों को महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेगी, जिससे वे बेहतर और सूचित निवेश निर्णय ले सकेंगे।
संगोष्ठी में जोर दिया गया कि भारत की सड़क परिसंपत्तियों का समय पर रखरखाव 3 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति के लिए जरूरी है, जिससे नागरिकों को बेहतर सड़क सुविधाएं और बेहतर जीवन गुणवत्ता मिल सके।