पुणे। महाराष्ट्र के पिंपरी में 58वें वार्षिक निरंकारी संत समागम का शुभारंभ हर्षोल्लास के साथ हुआ। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने समागम के दौरान कहा, “सच्ची मानवता मानवीय गुणों से परिपूर्ण जीवन में ही प्रकट होती है। ब्रह्मज्ञान द्वारा जब परमात्मा को जीवन में शामिल किया जाता है, तो सुमति और परोपकार का भाव जाग्रत होता है।”
शुभारंभ अवसर पर सतगुरु माता जी और आदरणीय निरंकारी राजपिता रमित जी का भव्य स्वागत किया गया। समागम की शोभा यात्रा में विभिन्न झांकियां प्रस्तुत की गईं, जिनमें मिशन की शिक्षाओं, भारतीय संस्कृति, मानव एकता, और आध्यात्मिकता का अद्भुत प्रदर्शन हुआ। पुणे, मुंबई, नागपुर, नासिक सहित देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने इस यात्रा में भाग लिया।
संत समागम में लाखों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लेकर सतगुरु माता जी के संदेश को आत्मसात किया। यह आयोजन मानवता और प्रेम का प्रतीक बन गया।