इंदौर के पुलिस अधिकारी रंजीत सिंह आज केवल एक नाम नहीं, बल्कि साहस और समर्पण का प्रतीक बन गए हैं। उन्हें ‘रियल लाइफ सिंघम’ के नाम से जाना जाता है, और यह नाम उन्होंने खुद नहीं, बल्कि जनता ने उनके अद्वितीय अंदाज और हिम्मत के लिए दिया है। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने सफर की रोचक कहानी साझा की, जिसमें उनकी चुनौतियाँ और ‘सिंघम’ का टैग हासिल करने का सफर शामिल
रंजीत सिंह ने बताया कि उनकी ‘सिंघम’ यात्रा की शुरुआत एक फिल्म देखने से हुई। जब उन्होंने “सिंघम” देखी, तो उसमें दिखाए गए पुलिस अधिकारी की वीरता ने उन्हें प्रभावित किया। इंदौर की सड़कों पर जब उन्होंने कानून का पालन न करने वाले लोगों को देखा, तो उन्होंने ठान लिया कि वे भी उसी जज़्बे के साथ अपनी ड्यूटी निभाएंगे। एक दिन, कुछ प्रभावशाली लोगों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उनके कॉलर पकड़ लिए। रंजीत ने हिम्मत दिखाई, और बिना हिचकिचाए जवाबी कार्रवाई की, जिससे उन्होंने न केवल अपनी इज़्जत बचाई, बल्कि लोगों के दिलों में भी अपनी जगह बना ली। इस घटना के बाद से ही वे ‘सिंघम’ के नाम से मशहूर हो गए
रंजीत सिंह ने अपने काम के प्रति समर्पण को समझाते हुए कहा कि पुलिसकर्मी होने का असली मतलब सिर्फ चालान काटना नहीं है, बल्कि जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उनके शब्दों में, “अगर आपको किसी जंगली जानवर को पकड़ना है, तो आपको भी जंगली होना पड़ेगा।” इस सोच ने उन्हें अन्य पुलिसकर्मियों से अलग बनाया और उनकी पहचान को एक नई दिशा दी।
रंजीत सिंह का व्यक्तित्व हमेशा से ही कुछ खास रहा है। वे बचपन से ही क्रिकेट के दीवाने थे, और उनकी अनोखी ऊर्जा और आकर्षण ने उन्हें पुलिस की नौकरी में भी अलग पहचान दिलाई। जब उन्हें ट्रैफिक विभाग में ट्रांसफर किया गया, तो उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लिया। उन्होंने न केवल ट्रैफिक कंट्रोल किया, बल्कि अपने अनोखे अंदाज और स्टाइलिश मूव्स से लोगों का ध्यान भी खींचा। उनके डांसिंग अंदाज ने उन्हें शहर भर में मशहूर कर दिया। उनका मानना है कि पुलिसकर्मी को सिर्फ अपनी ड्यूटी नहीं निभानी चाहिए, बल्कि लोगों के दिलों में जगह बनानी चाहिए।
रंजीत सिंह सड़क दुर्घटनाओं को लेकर गंभीर हैं। वे युवाओं को चेताते हुए कहते हैं, “अगर आप नियम तोड़ते हैं, तो एक दिन आपका एक्सीडेंट हो सकता है। उस समय आपके पिता भी यमराज को फोन नहीं कर पाएंगे। इसलिए, ट्रैफिक नियमों का पालन करें और अपनी जिंदगी की कदर करें।” उनका संदेश स्पष्ट है: ट्रैफिक नियम केवल पुलिसकर्मियों के लिए नहीं हैं, बल्कि ये खुद की और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं।
रंजीत सिंह के काम ने न केवल इंदौर, बल्कि देशभर में लोगों को प्रेरित किया है। उनके साहस और अनोखी शैली की तारीफ केवल आम लोग ही नहीं, बल्कि उनके सहयोगी और अन्य पुलिसकर्मी भी करते हैं। कई राज्यों के पुलिसकर्मी उनकी स्टाइल को अपनाकर ट्रैफिक कंट्रोल कर रहे हैं और जनता को जागरूक करने का नया तरीका अपना रहे हैं।
रंजीत सिंह अपने काम से संतुष्ट हैं और उनका मानना है कि जब तक लोग सड़क दुर्घटनाओं में मरते रहेंगे, तब तक उनका काम अधूरा है। वे सड़क सुरक्षा को अपनी जिंदगी का मिशन मानते हैं और इसे एक दिन पूरी तरह से सुरक्षित बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
रंजीत सिंह एक ऐसे पुलिस अधिकारी हैं जिन्होंने अपने कार्य को एक नई दिशा दी है। उनकी प्रतिबद्धता, साहस और अनोखी शैली ने उन्हें जनता का हीरो बना दिया है। ‘रियल लाइफ सिंघम’ के रूप में, रंजीत सिंह का यह सफर ना केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दिखाता है कि यदि किसी काम को दिल से किया जाए, तो वह न केवल पहचान दिलाता है, बल्कि समाज पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। उनके सफर से यह सीख मिलती है कि साहस और समर्पण के साथ काम करने पर कोई भी मुश्किल आसान हो सकती है।