
चंडीगढ़: 5 अक्टूबर 2024 को मतदान के बाद, हरियाणा की 15वीं विधानसभा का गठन 9 अक्टूबर को हो गया। हालांकि, नई विधानसभा के निर्वाचित विधायकों को सैलरी और भत्ते केवल तब मिलेंगे, जब वे 25 अक्टूबर को शपथ लेंगे।
उच्च न्यायालय के वकील और चुनाव विशेषज्ञ, हेमंत कुमार ने इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा नई विधानसभा के सदस्यों की अधिसूचना के अनुसार, विधानसभा का गठन हो चुका है। उन्होंने कहा, “हालांकि, विधायकों को वेतन और भत्ते केवल तब दिए जाएंगे जब वे शपथ ग्रहण करेंगे।”
चुनाव आयोग के प्रमुख सचिव, एस.बी. जोशी ने 9 अक्टूबर को गजट अधिसूचना जारी की, जिसमें सभी 90 विधानसभा सीटों के नाम और उनके निर्वाचित उम्मीदवारों का विवरण दिया गया। चुनावी प्रक्रिया के अनुसार, विधानसभा का कार्यकाल पहले सत्र से शुरू होता है, जो 25 अक्टूबर को होगा।
संविधान के अनुच्छेद 172(1) के अनुसार, विधानसभा का कार्यकाल पांच वर्षों का होता है, जिसका मतलब है कि 15वीं विधानसभा का कार्यकाल 24 अक्टूबर 2029 तक रहेगा, बशर्ते इसे पहले समाप्त न किया जाए।
हालांकि, हेमंत कुमार ने इस संबंध में एक आरटीआई याचिका भी दायर की थी, जिसमें यह पूछा गया था कि विधायकों को शपथ लेने के बाद ही वेतन और भत्ते क्यों दिए जाते हैं। उत्तर में बताया गया कि यह एक पुरानी परंपरा है, जिसका उल्लेख किसी कानून या नियम में नहीं है।
इस प्रकार, 15वीं हरियाणा विधानसभा के लिए यह तय हो चुका है कि निर्वाचित विधायकों को 9 अक्टूबर 2024 से वेतन मिलना शुरू होगा, लेकिन इसे 25 अक्टूबर को शपथ लेने के बाद ही वितरित किया जाएगा।
क्या यह परंपरा बदलनी चाहिए? यह प्रश्न अब हरियाणा की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है।