नई दिल्ली के आर. के. पुरम क्षेत्र में पूर्वाचल सांस्कृतिक मंच एवं छठ पूजा समिति द्वारा छठ पर्व का आयोजन भव्यता और सादगी से किया गया। सैक्टर 7, 8, 9, एवं 12 के निवासियों ने इस आयोजन में सक्रिय भाग लिया और पूरे श्रद्धा भाव के साथ इस पावन पर्व को मनाया। छठ पूजा का आयोजन भारत की सनातन संस्कृति की गहराईयों को सहेजते हुए किया गया, जिसमें स्थानीय समाज के सभी वर्गों ने मिलकर धार्मिक और आध्यात्मिक आस्था के साथ “एकता और प्रेम” का संदेश दिया।
पूजा स्थल पर श्रद्धालुओं का सजीव और उल्लासपूर्ण माहौल देखने को मिला। पारंपरिक परिधानों में सजे-धजे लोग भगवान सूर्य और मां छठी मैया की उपासना करते नजर आए। छठ व्रत के लिए तैयार किए गए घाटों को फूलों, दीपों और पारंपरिक सजावट से अलंकृत किया गया था, जिससे वहां का वातावरण भक्ति और समर्पण से सराबोर हो गया। इस मौके पर विभिन्न भजनों और धार्मिक गीतों के मधुर स्वरों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा, जिसने सभी श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभूति से भर दिया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में मुनीश कुमार गौर को आमंत्रित किया गया, जिन्होंने क्षेत्रवासियों को छठ पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और इस पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि छठ पूजा सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर है, जो लोगों को आपसी सद्भावना, भाईचारे और राष्ट्रवाद के भाव से जोड़ती है। उन्होंने यह भी कहा कि छठ पर्व का यह आयोजन समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम है, जो सभी को एकजुट होकर अपनी संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करने का संदेश देता है।
कार्यक्रम में समिति के सदस्यों ने सभी आगंतुकों और श्रद्धालुओं का स्वागत किया और पूजा में सम्मिलित होने का अवसर प्रदान किया। छठ पूजा के अवसर पर जल और प्रसाद वितरण की भी विशेष व्यवस्था की गई थी, जिसमें समिति के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर अपनी सेवाएं दीं। पूरे आयोजन में कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन भी सुनिश्चित किया गया, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा बनी रहे।
इस तरह से आर. के. पुरम में आयोजित छठ पूजा का यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक आस्था बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक भी बना। आयोजन में बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया और भारत की सांस्कृतिक विविधता का सजीव उदाहरण प्रस्तुत किया।