
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने एक खतरनाक अपराधी विजय कुमार उर्फ चैंपियन को गिरफ्तार किया है। यह अपराधी दिल्ली के पटेल नगर थाने में दर्ज एक जबरन वसूली के मामले में अदालत द्वारा घोषित अपराधी था। 51 वर्षीय विजय चैंपियन, जो बिंदापुर का निवासी है, को अपराध शाखा की विशेष टीम ने अनूप नगर, बिंदापुर से पकड़ा। विजय चैंपियन दिल्ली के मंदिर मार्ग थाना क्षेत्र में दर्ज एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था।
विजय चैंपियन का आपराधिक इतिहास लंबा और खतरनाक रहा है। उसे मंदिर मार्ग, आरके पुरम, और बिंदापुर थानों का घोषित “बदनाम चरित्र” माना जाता है। हत्या, डकैती, हथियार कानून के तहत कई मामले उसके खिलाफ दर्ज हैं। वह न केवल जबरन वसूली में शामिल था, बल्कि कई व्यापारियों को धमकाने का भी आरोप है, खासकर सेंट्रल दिल्ली के होटल व्यवसायियों को।
विजय चैंपियन और उसके साथी धारा पर इंदरपुरी निवासी विनय अरोड़ा से जबरन पैसे वसूलने का आरोप है। विनय अरोड़ा सेंट्रल दिल्ली के नबी करीम इलाके में एक होटल चलाते हैं। आरोपी ने होटल मालिक और उनके मैनेजर को जान से मारने की धमकी दी और उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की। घटना की रिपोर्ट विनय अरोड़ा ने पटेल नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई, जिसके बाद एफआईआर नंबर 582/2022 के तहत 384/506/34 IPC में मामला दर्ज किया गया।
हाल के दिनों में दिल्ली-एनसीआर में व्यापारियों को धमकाने और वसूली के मामले तेजी से बढ़े हैं। इन घटनाओं को देखते हुए, क्राइम ब्रांच की WR-II टीम ने इन गिरोहों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया। टीम को गुप्त सूचना मिली कि विजय चैंपियन अनूप नगर, बिंदापुर में छिपा हुआ है। पुलिस टीम ने वहां छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
विजय चैंपियन का जन्म 1973 में दिल्ली के गोल मार्केट में हुआ था। पढ़ाई छोड़ने के बाद वह अखाड़े में जाने लगा और धीरे-धीरे अपराधियों की संगत में आ गया। 1998 में होली के दौरान हुए एक झगड़े में उसने एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी, जिसके लिए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। जेल में रहते हुए उसने कई अन्य अपराधियों के साथ भी हिंसक झगड़े किए।
दिल्ली पुलिस के उपायुक्त (क्राइम ब्रांच) सतीश कुमार के अनुसार, विजय चैंपियन जैसे खतरनाक अपराधियों की गिरफ्तारी से दिल्ली में जबरन वसूली और धमकाने की घटनाओं पर काबू पाने में मदद मिलेगी।