अंतरिक्ष यात्रियों और खिलाड़ियों के लिए मिलेट्स आधारित आहार पैकेज प्रदान किया जाना चाहिए : डॉ. एन. कलैसेल्वी महानिदेशक सीएसआईआर

एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा भारत सरकार के वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद के सहयोग से मिलेट्स पर त्रिदिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ‘‘मिलेट्सफ्युजन – स्थायित्व का विकास और राष्ट्रों का पोषण’’ का आयोजन एमिटी विश्वविद्यालय परिसर में किया गया। इस सम्मेलन का शुभारंभ वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की महानिदेशक डा एन कलैसेल्वी, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की सचिव (राजनीतिक) डा नीना मल्होत्रा, एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डा सुदेश कुमार यादव, केन्द्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा एन जहीर अहमद, एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, भारतीय श्री अन्न अनुसंधान संस्थान की निदेशक डा सी तारा सत्यावती और एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन की महानिदेशक डा नूतन कौशिक द्वारा किया गया।

सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की महानिदेशक डा एन कलैसेल्वी ने कहा कि सीएसआईआर और एमिटी मिलेट्स को नया अर्थ, नया आयाम दे रहे है। भारत अपने अप्रत्याशित विकास के लिए जाना जाता है और माननीय प्रधानमंत्री ने 2023 को मिलेट्स वर्ष घोषित किया है, हालांकि, हमें साल के सभी 365 दिन मिलेट्स को समर्पित करना जारी रखना चाहिए और हमारा मिशन रुकना नहीं चाहिए। विकसित भारत मिशन के तहत, मिलेट्स भारत को वैश्विक नेतृत्व प्रदान करना चाहिए। इस सम्मेलन के लिए आज यहां एकत्र हुए दूरदर्शी और विशेषज्ञ, कार्रवाई योग्य पैकेज लाएंगे और इस क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देंगे। सम्मेलन के दौरान अपनी दो अपीलों को साझा करते हुए, उन्होंने आगे कहा कि मिलेट्स, स्वास्थ्य सेवा, जीवन शैली और आजीविका के लिए महत्वपूर्ण है। अंतरिक्ष यात्रियों और खिलाड़ियों के लिए बाजरा आधारित आहार पैकेज प्रदान किया जाना चाहिए, क्योंकि बाजरा अत्यधिक पौष्टिक होता है। लोकतंत्र का मतलब केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है बल्कि इसे नवाचार से जोड़ा जाना चाहिए ताकि दुनिया को प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से बदला जा सके।
एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि जब आप किसी मिशन के लिए काम करते हैं, तो आपको सफलता अवश्य मिलती है। भारतीय दुनिया को बदलने में सक्षम हैं और हमारा दृढ़ विश्वास है कि वर्ष 2047 तक भारत एक वैश्विक महाशक्ति बन जाएगा। इसलिए, हमारे सामने मौजूद अवसरों का आकलन करना और उन्हें भुनाना तथा दृढ़ निश्चय, फोकस और लचीलेपन के माध्यम से असंभव को प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। एमिटी में हमें छात्रों, शोधार्थियों को राष्ट्र निर्माण में सहयोग करने के लिए तैयार कर रहे है।
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की सचिव (राजनीतिक) डा नीना मल्होत्रा ने कहा कि वर्ष 2023 को मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया गया, जिसने मिलेट्स को वैश्विक मानचित्र पर ला खड़ा किया है। आज मिलेट्स को एक स्मार्ट फूड माना जाता है, जिसने दुनिया को बदलने का काम किया है और भारत बाजरा को वैश्विक आंदोलन बनाने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। समय की मांग है कि बाजरा आंदोलन को जन आंदोलन के रूप में और मजबूत किया जाए।
एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने कहा कि विकसित भारत के संदर्भ में, मिलेट्स खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करके, ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाकर और जलवायु परिवर्तन शमन को आगे बढ़ाकर देश के विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सरकार ने बाजरा की खेती और खपत को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय मिलेट्स मिशन शुरू किया है और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन जैसे विभिन्न बाजरा आधारित कार्यक्रम बड़े पैमाने पर मिलेट्स की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए भारत को बाजरा में वैश्विक नेता बनाने पर जोर दिया और डॉ. कलैसेल्वी की पहल की सराहना की जो विकसित भारत 2047 के विजन के साथ संरेखित हैं।

हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) के निदेशक डा सुदेश कुमार यादव ने कहा कि यह सबसे बेहतरीन तरीके से आयोजित सम्मेलनों में से एक है, जिसका उद्देश्य मिलेट्स की खेती, उपयोग और संवर्धन से संबंधित अत्याधुनिक शोध निष्कर्षों और नवाचारों को साझा करना है। सीएसआईआर और आईएचबीटी इस क्षेत्र में मिलकर काम कर रहे हैं और मिलेट्स पर आधारित कई उत्पाद और तकनीकें विकसित की हैं।

केन्द्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा एन जहीर अहमद ने कहा कि मिलेटृस को अपने भोजन में शामिल करने का आह्वान किया जाना चाहिए और इसे हमारे जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। इसके अलावा, आहार के माध्यम से बाजरे पर आधारित यूनानी दवाओं और चिकित्सा उपचार को विकसित करना महत्वपूर्ण है। एक स्वस्थ आहार और जीवनशैली से दवाओं पर निर्भरता से बचा जा सकता है, इसलिए, हम सभी को जीवन जीने का एक प्राकृतिक तरीका अपनाना चाहिए।

एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि सम्मेलन में 44 प्रतिष्ठित वक्ताओं और विशेषज्ञों के सत्र शामिल हैं जो अपने अत्यंत व्यावहारिक विचार-विमर्श से हमें अवगत कराएंगे। यह सम्मेलन खाद्य प्रौद्योगिकी और कृषि के शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और छात्रों, कृषि और खाद्य नीति में शामिल नीति निर्माताओं और टिकाऊ कृषि पद्धतियों में रुचि रखने वाले किसानों और कृषि व्यवसायियों सहित हितधारकों के लिए अत्यधिक लाभकारी होगा।

भारतीय श्री अन्न अनुसंधान संस्थान की निदेशक डा सी तारा सत्यावती ने कहा कि प्रमुख रूप से बाजरा ज्वार, बाजरा और रागी हैं, जो मिलेट्स क्षेत्र के 95 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा करते हैं। सरकार ने मिलेट्स का नाम बदलकर मिलेट््स अनाज कर दिया है क्योंकि बाजरा जलवायु के प्रति लचीला होने के कारण वैश्विक खाद्य असुरक्षा से निपटने में मदद करता है। बाजरा सूखा-सहिष्णु है और खराब मिट्टी की स्थिति में भी पनप सकता है, जिससे यह सीमित जल संसाधनों वाले क्षेत्रों के लिए एक आदर्श फसल बन जाता है। बाजरा को अन्य अनाजों की तुलना में कम पानी की आवश्यकता होती है, जिससे यह एक जल-कुशल फसल बन जाती है और इसकी जड़ प्रणाली गहरी होती है, जो मिट्टी के कटाव को रोकने और मिट्टी की उर्वरता में सुधार करने में मदद करती है।

एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन की महानिदेशक डा नूतन कौशिक ने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं और किसानों को बाजरे की खेती, प्रसंस्करण और संवर्धन से संबंधित ज्ञान, नवाचारों और रणनीतियों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। सम्मेलन में 44 प्रतिष्ठित वक्ता, 7 व्याख्यान, 2 पैनल चर्चाएँ, 62 पेपर प्रस्तुतियाँ, एक ओपन हाउस होगा। इसके अलावा, एक पाक प्रतियोगिता और बाजरा-आधारित उत्पादों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है।

तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान, केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सीएफटीआरआई), मैसूर, कर्नाटक की निदेशक, डॉ. श्रीदेवी अन्नपूर्णा सिंह, सीएसआईआर- राष्ट्रीय अंतःविषय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुवनंतपुरम, केरल, के निदेशक डॉ. सी. आनंदधर्मकृष्णन, द ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी, कोलंबस, यूएसए, के प्रोफेसर डॉ. रतन लाल यूएसए के जॉर्जिया विश्वविद्यालय की प्रो. कैटरीन डेवोस, जैसे प्रसिद्ध विशेषज्ञों द्वारा पूर्ण सत्र आयोजित किए जाएंगे।
दिल्ली से विजय गौड़ ब्यूरो चीफ की विशेष रिपोर्ट

  • Leema

    Related Posts

    सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर पश्चिमी जिले में भव्य ‘यूनिटी मार्च’, देशभक्ति के रंग में रंगी सड़के

    नई दिल्ली, 15 नवंबर 2025 — भारत रत्न और देश की एकता के शिल्पकार सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर पश्चिमी जिले में आज एक भव्य और उत्साहपूर्ण यूनिटी मार्च निकाला गया। पूर्वी…

    धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय गाइडलाइन की मांग

    नई दिल्ली, 15 नवंबर 2025 — धार्मिक स्थलों पर बढ़ते शोर प्रदूषण को गंभीरता से उठाते हुए सहयोग दिल्ली के अध्यक्ष एवं MCD Councillor (Nominated) मनोज कुमार जैन ने आज केंद्र सरकार…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर पश्चिमी जिले में भव्य ‘यूनिटी मार्च’, देशभक्ति के रंग में रंगी सड़के

    • By Leema
    • November 17, 2025
    सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर पश्चिमी जिले में भव्य ‘यूनिटी मार्च’, देशभक्ति के रंग में रंगी सड़के

    धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय गाइडलाइन की मांग

    • By Leema
    • November 17, 2025
    धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय गाइडलाइन की मांग

    सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने गोपाल गर्ग को चांदनी चौक लोकसभा का पॉलिटिकल कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया

    • By Leema
    • November 17, 2025
    सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने गोपाल गर्ग को चांदनी चौक लोकसभा का पॉलिटिकल कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया

    IITF 2025 में चमका DDP Pavilion: पहली बार प्रदर्शित हुई महिला सैनिकों की विशेष बुलेटप्रूफ जैकेट

    • By Leema
    • November 16, 2025
    IITF 2025 में चमका DDP Pavilion: पहली बार प्रदर्शित हुई महिला सैनिकों की विशेष बुलेटप्रूफ जैकेट

    IITF 2025 में विदेशी संस्कृति और कला को दर्शाती चीनी मिट्टी की प्रदर्शनी

    • By Leema
    • November 15, 2025
    IITF 2025 में विदेशी संस्कृति और कला को दर्शाती चीनी मिट्टी की प्रदर्शनी

    IITF 2025 में मेवाड़ की मिट्टी कला ने बटोरी वाहवाही: सरकारी विभागों संग सजे अनोखे हस्तशिल्प स्टॉल

    • By Leema
    • November 15, 2025
    IITF 2025 में मेवाड़ की मिट्टी कला ने बटोरी वाहवाही: सरकारी विभागों संग सजे अनोखे हस्तशिल्प स्टॉल