
दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) ने “ऑपरेशन मिलाप” के तहत सराहनीय कार्य करते हुए दो नाबालिग बच्चों और एक 23 वर्षीय युवती को सुरक्षित ढूंढ निकाला और उनके परिजनों से मिलवा दिया।
पहले मामले में 16 वर्षीय नाबालिग लड़की 4 मई को बिंदापुर से लापता हो गई थी। जांच में सामने आया कि वह एक युवक के साथ उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर चली गई थी। तकनीकी सर्विलांस के जरिए उसकी लोकेशन का पता लगाया गया और पुलिस टीम ने गांव में दबिश देकर लड़की को बरामद कर लिया।
दूसरे मामले में 23 वर्षीय युवती पालम इलाके से 6 मई को गायब हुई थी। जांच में पता चला कि वह मानसिक तनाव और डिप्रेशन से जूझ रही थी। युवती ने घर से निकलने से पहले एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था। 9 मई को उसके पिता को पंजाब से एक कॉल आया, जिसके बाद पुलिस टीम ने लुधियाना से युवती को खोज निकाला। पूछताछ में उसने अपने कजिन द्वारा यौन शोषण की बात बताई और बताया कि उसने ट्रेन से कूदकर जान देने की भी कोशिश की थी।
तीसरे मामले में 15 वर्षीय लड़का 7 मई को छावला से लापता हुआ था, जिसे अगले दिन बीजवासन इलाके से बरामद कर लिया गया।
तीनों मामलों में पुलिस की त्वरित कार्रवाई और तकनीकी दक्षता ने परिवारों को राहत दी और लापता बच्चों को सुरक्षित घर वापस लाया गया।