
दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम जिले की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) ने ‘ऑपरेशन मिलाप’ के तहत सराहनीय कार्य करते हुए तीन लापता नाबालिग बच्चों को ढूंढ निकाला और उन्हें सकुशल उनके परिवारों से मिला दिया। इन बच्चों में एक 14 वर्षीय लड़का और दो लड़कियां, जिनकी उम्र 15 और 17 वर्ष है, शामिल थीं।
10 अप्रैल को द्वारका नॉर्थ, वसंत कुंज साउथ और 11 अप्रैल को पालम विलेज थाने में बच्चों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। शुरुआती तलाशी के दौरान कोई सुराग नहीं मिला, जिसके बाद एएचटीयू की टीम ने इंस्पेक्टर बलबीर सिंह के नेतृत्व में गहन जांच शुरू की। टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले, संदिग्ध मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर डाला और सार्वजनिक स्थलों पर फोटो दिखाकर और चिपकाकर खोज अभियान चलाया।
टीम की मेहनत रंग लाई और 13 अप्रैल को 14 वर्षीय लड़का नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास मिला, वहीं 17 साल की लड़की उत्तर प्रदेश के एटा जिले के एक गांव से 14 अप्रैल को बरामद हुई। तीसरी लड़की, जो नाराज होकर बिहार चली गई थी, उसे चतरपुर इलाके से बरामद किया गया।
तीनों बच्चों को सभी कानूनी औपचारिकताओं के बाद उनके परिवारों को सौंप दिया गया।
इस सफल अभियान के पीछे व/एसआई शिल्पी गुप्ता, एएसआई शेषपाल, व/हेड कांस्टेबल संगीता, शर्मिला, सिपाही सीमा और कांस्टेबल कमलेश कुमार की भी अहम भूमिका रही।
डीसीपी सुरेंद्र चौधरी ने टीम के इस मानवीय और सतर्क प्रयास की सराहना की है।