
नई दिल्ली। दिल्ली के तिमारपुर इलाके में एक 9 साल की मानसिक रूप से अस्थिर बच्ची अकेली भटकती हुई मिली, जिसे दिल्ली पुलिस ने कुछ ही घंटों में उसके माता-पिता से मिलाकर एक मिसाल पेश की।
घटना 8 अप्रैल की शाम की है जब एक राहगीर ने बच्ची के अकेले होने की जानकारी तिमारपुर थाने को दी। SHO इंस्पेक्टर प्रवीन कुमार के निर्देश पर एसआई नितिन तोमर, एचसी विनय तिवारी और महिला कांस्टेबल मनीता ने बच्ची से बात कर उसके बारे में जानकारी जुटानी शुरू की। बच्ची अपना घर तो नहीं बता सकी, लेकिन उसने बताया कि उसके पिता जींस की फैक्ट्री में काम करते हैं।
पुलिस टीम ने खजूरी खास इलाके में घर-घर जाकर पूछताछ की, मस्जिदों में अनाउंसमेंट कराए और जींस फैक्ट्रियों में तलाश शुरू की। आखिरकार कुछ ही घंटों में टीम ने बच्ची के पिता जावेद और मामा से संपर्क किया। पूरी पहचान और प्रक्रिया के बाद बच्ची को परिवार से मिला दिया गया।
‘ऑपरेशन मिलाप’ के तहत की गई इस मानवीय पहल ने न सिर्फ एक परिवार को राहत दी, बल्कि दिल्ली पुलिस की संवेदनशीलता और तत्परता का भी परिचय दिया। परिवार ने पुलिस का तहेदिल से आभार जताया।