
विशेष न्यायाधीश, पीसी एक्ट, सीबीआई, कोल ब्लॉक आवंटन मामले, राउस एवेन्यू जिला अदालत ने आज, 07.10.2024 को, झारखंड में कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़े एक मामले में एम/एस रुंगटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक श्री आर.एस. रुंगटा सहित पांच आरोपियों को 2-3 साल की कैद और कुल 1.6 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इस जुर्माने में एम/एस रुंगटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड पर लगाए गए 30 लाख रुपये का जुर्माना भी शामिल है।
विशेष न्यायालय ने श्री आर.एस. रुंगटा को 3 साल की सजा और 30 लाख रुपये का जुर्माना, श्री संजय रुंगटा को 3 साल की सजा और 40 लाख रुपये का जुर्माना, श्री टी.एम. अचुतन को 3 साल की सजा और 40 लाख रुपये का जुर्माना तथा श्री शंभू नाथ को 2 साल की सजा और 20 लाख रुपये का जुर्माना सुनाया है।
सीबीआई ने इस मामले को 22.04.2015 को दर्ज किया था, जो झारखंड के हुतार सेक्टर-सी और हुरिलोंग कोयला ब्लॉक के आवंटन से संबंधित था। इन कोयला ब्लॉकों को कोयला मंत्रालय की 36वीं स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा एम/एस रुंगटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को आवंटित किया गया था।
आरोप था कि एम/एस रुंगटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने 30.12.2006 को कोयला मंत्रालय को आवेदन किया था, जिसमें उन्होंने झारखंड में हुतार सेक्टर-सी कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए अपील की थी। कंपनी ने दावा किया था कि वह एक स्वतंत्र खनन इकाई है और उसने एक अन्य कंपनी के साथ एक समझौता किया है, जो उनके स्पंज आयरन प्लांट, हजारीबाग को कोयला आपूर्ति करेगी।
जांच के दौरान पता चला कि कंपनी ने अपने अंतिम उपयोग परियोजना की क्षमता, भूमि अधिग्रहण और किए गए निवेश के बारे में गलत जानकारी दी थी। कंपनी ने अपने समूह की अन्य कंपनियों को आवंटित पूर्व के कोयला ब्लॉकों की जानकारी भी छिपाई थी।
सीबीआई ने 30.06.2015 को आरोपपत्र और 29.01.2018 को पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। सुनवाई के बाद, अदालत ने 30.09.2024 को आरोपियों को दोषी ठहराया और आज उन्हें सजा सुनाई।