
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक अंतरराष्ट्रीय संगठित वाहन चोरी गिरोह का पर्दाफाश कर सनसनी फैला दी है। यह गिरोह दुबई से ऑपरेट हो रहा था और भारत के कई राज्यों में लग्जरी कारों की चोरी में सक्रिय था। गिरोह का सरगना अमीर पशा दुबई से पूरे नेटवर्क को हाईटेक उपकरणों की मदद से चला रहा था। पुलिस ने इस ऑपरेशन में अब तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और 15 महंगी गाड़ियां बरामद की हैं, जिनमें टोयोटा फॉर्च्यूनर, इनोवा क्रिस्टा, किआ सेल्टोस, ह्यूंदई क्रेटा और स्विफ्ट जैसी गाड़ियां शामिल हैं।
पूरे ऑपरेशन की अगुवाई इंस्पेक्टर अरुण सिंधु के नेतृत्व में ARSC टीम ने की। यह कार्रवाई ताज मोहम्मद उर्फ ताजू की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई थी, जिसने पूछताछ में पूरे सिंडिकेट का राज़ खोला। गिरोह चोरी के लिए एडवांस्ड की-प्रोग्रामिंग डिवाइसेज़, डुप्लिकेट रिमोट की और फर्जी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स का इस्तेमाल करता था।
गिरफ्तार आरोपियों में ताज मोहम्मद, इमरान खान, कुनाल जयसवाल, अकबर, मतीन खान, नागेन्द्र सिंह, मनीष आर्य और नदीम शामिल हैं। कुछ आरोपी ऐसे भी हैं जिनके खिलाफ पहले से 60 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। चोरी की गई गाड़ियों को महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, नागालैंड और पश्चिम बंगाल में बेचा या काट कर पुर्जों के रूप में ब्लैक मार्केट में बेचा जाता था।
गिरोह का नेटवर्क इतना संगठित था कि एक सदस्य दूसरे की पहचान तक नहीं जानता था। यह पूरा ऑपरेशन दिल्ली, एमपी, महाराष्ट्र और यूपी जैसे राज्यों में चला और पुरवांचल एक्सप्रेसवे पर तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए।
क्राइम ब्रांच की यह कामयाबी न सिर्फ एक अंतरराष्ट्रीय वाहन चोरी गैंग का भंडाफोड़ है, बल्कि संगठित अपराध के खिलाफ दिल्ली पुलिस की सक्रियता का भी प्रमाण है। मामले की जांच जारी है और मुख्य आरोपी अमीर पशा की गिरफ्तारी के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।