नई दिल्ली, 3 नवंबर 2025।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने चार साल से फरार चल रहे एक कुख्यात साइबर अपराधी को नोएडा से गिरफ्तार किया है। आरोपी सुमित कुमार (28 वर्ष) लंबे समय से POCSO और IT Act के एक गंभीर मामले में वांछित था। वह नाबालिग लड़की को फेसबुक पर फिशिंग लिंक भेजकर उसका अकाउंट हैक करने, उसे डराने-धमकाने और अश्लील तस्वीरें भेजने के लिए मजबूर करने जैसे घिनौने अपराधों में शामिल था।
क्राइम ब्रांच की इंटर-स्टेट सेल की टीम ने महीनों की तकनीकी जांच और मानवीय खुफिया सूचना के आधार पर सुमित कुमार को सेक्टर-128, नोएडा से पकड़ा। वह मार्च 2021 से फरार था और अदालत द्वारा ‘घोषित अपराधी’ घोषित किया जा चुका था। गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि सुमित बिहार के मधुबनी जिले के अपने गांव में छिपा हुआ था और हाल ही में नोएडा में एक आईटी कंपनी में हाउसकीपिंग सुपरवाइज़र के रूप में काम कर रहा था।
मामला थाना द्वारका साउथ से जुड़ा है, जहां वर्ष 2020 में एक नाबालिग लड़की के पिता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि किसी ने उसकी बेटी के फेसबुक अकाउंट को हैक कर लिया और उसकी तस्वीरों का दुरुपयोग कर ब्लैकमेल किया। जांच में सामने आया कि आरोपी ने पीड़िता को उसके पूर्व ट्यूटर की फेसबुक आईडी से संदेश भेजा, झूठा दावा किया कि उसकी निजी तस्वीरें इंटरनेट पर लीक हो चुकी हैं, और फिर एक लिंक भेजा। जैसे ही लड़की ने उस लिंक पर क्लिक किया, आरोपी ने उसका अकाउंट हैक कर लिया और उसे धमकाते हुए अश्लील तस्वीरें साझा करने के लिए मजबूर किया। इसके बाद उसने परिवार से पैसे की मांग भी की और न देने पर तस्वीरें वायरल करने की धमकी दी।
आरोपी पहले भी मालवीय नगर थाना क्षेत्र के एक मामले में गिरफ्तार हो चुका था, जहाँ उसने महिलाओं को झूठे बहाने से फंसाकर उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स हैक किए और उनसे पैसे वसूले थे। उस मामले में जमानत मिलने के बाद वह फरार हो गया और अदालत में पेश नहीं हुआ। पूछताछ में सुमित ने स्वीकार किया कि उसे “आसान पैसा” कमाने का लालच था और वह सोशल मीडिया पर लड़कियों को फंसाकर उन्हें ब्लैकमेल करता था।
क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपी की तलाश में लगातार प्रयास किया और अंततः उसे नोएडा के साहपुर गांव स्थित एक वाइन शॉप के पास से गिरफ्तार कर लिया। टीम में एसआई देवेंद्र सिंह, एएसआई मुकेश कुमार, हेड कांस्टेबल राजेंद्र सिंह और लेडी कांस्टेबल मंजू शामिल थे, जिनका नेतृत्व इंस्पेक्टर पंकज मलिक और रोहित कुमार ने किया। पूरी कार्रवाई एसीपी रमेश चंदर लांबा के पर्यवेक्षण में संपन्न हुई।
डीसीपी क्राइम ब्रांच, आदित्य गौतम ने बताया कि आरोपी एक ‘habitual cyber-offender’ है जो तकनीक का दुरुपयोग कर महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को अपने जाल में फँसाता था। उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस के साइबर अपराध के खिलाफ सटीक और निरंतर प्रयासों का परिणाम है।
सुमित कुमार की गिरफ्तारी से न केवल एक फरार अपराधी कानून के शिकंजे में आया है, बल्कि यह भी साबित हुआ है कि सोशल मीडिया पर सक्रिय साइबर अपराधी चाहे जितना भी चालाक क्यों न हो, कानून के लंबे हाथों से बच नहीं सकता।







