
प्रयागराज की पावन भूमि पर माघ कृष्ण द्वितीया, 15 जनवरी 2025 से गो को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने और उनकी रक्षा हेतु एक भव्य 324 कुंडीय गो प्रतिष्ठा महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। इस महायज्ञ का उद्घाटन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने कुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर 19 स्थित शंकराचार्य शिविर में किया।
यह यज्ञ एक महीने तक चलेगा, जिसमें सवा तीन करोड़ आहुतियां दी जाएंगी। वेदपाठी आचार्यों के मार्गदर्शन में वैदिक पद्धति से आरंभ इस यज्ञशाला को कुम्भ मेले की सबसे बड़ी यज्ञशाला के रूप में देखा जा रहा है। 324 कुंडीय यज्ञशाला का भव्य निर्माण अपने आप में एक अनूठी विशेषता है, क्योंकि इतनी बड़ी यज्ञशालाएं दुर्लभ होती हैं।

इस महायज्ञ का उद्देश्य गायों की रक्षा, सनातन धर्म की मजबूती और सम्पूर्ण सनातनी समाज के कल्याण का संकल्प लेना है। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बन रहा है, बल्कि कुम्भ मेले में श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष आकर्षण का केंद्र भी है।
इस महत्वपूर्ण जानकारी को शंकराचार्य जी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र योगिराज सरकार ने साझा किया।