
जम्मू, 15 मई 2025 — जम्मू-कश्मीर के औद्योगिक क्षेत्र पर छाए संकट के बादल अब और भी घने हो गए हैं। सीमा पर भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव और इसके चलते क्षेत्र में उत्पन्न अस्थिरता से उद्योगों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। ऐसे में फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रीज़ जम्मू (FOIJ) ने सरकार से तत्काल वित्तीय राहत की मांग की है।
फेडरेशन की बैठक आज चेयरमैन श्री ललित महाजन की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें प्रमुख उद्योगपतियों और कार्यकारिणी सदस्यों ने हिस्सा लिया। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि पिछले कुछ दिनों से राज्य में उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति के चलते औद्योगिक इकाइयों को भारी वित्तीय क्षति हो रही है। उत्पादन रुकने, कुशल और अकुशल श्रमिकों के पलायन, कच्चे माल और तैयार माल की ढुलाई लागत में बढ़ोतरी, अनियोजित विद्युत कटौती और बाजार में तैयार माल की मांग में आई गिरावट से उद्योग ठप पड़ते जा रहे हैं।
फेडरेशन ने कहा कि बैंकों के वर्किंग कैपिटल और टर्म लोन पर भारी ब्याज दरें भी उद्योगपतियों के लिए बड़ा बोझ बन चुकी हैं। ऐसे में सरकार को तुरंत हस्तक्षेप कर राहत प्रदान करनी चाहिए, जिससे उद्योगों को इस संकट से उबारा जा सके।
फेडरेशन ने सरकार से मांग की है कि औद्योगिक इकाइयों को एक विशेष राहत पैकेज के तहत वित्तीय सहायता दी जाए, जिसमें कार्यशील पूंजी सीमा में 20% की बढ़ोतरी शामिल हो। इसके साथ ही टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल लोन पर 30 सितंबर 2025 तक ब्याज माफ करने, कर्ज पुनर्गठन की सुविधा देने, औद्योगिक क्षेत्र के लिए एनपीए नियमों में ढील और युद्ध के कारण हुए नुकसान के लिए बीमा कवरेज उपलब्ध कराने की मांग की गई है।
इसके अतिरिक्त, औद्योगिक क्षेत्र के लंबित भुगतान—जैसे कि फिस्कल इंसेंटिव क्लेम्स—को तुरंत सरकारी कोषागार से जारी करने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया गया है।
बिजली से संबंधित समस्याएं भी कम नहीं हैं। फेडरेशन ने अगले छह महीनों तक औद्योगिक बिजली बिलों में मिनिमम डिमांड चार्ज माफ करने, प्रस्तावित टैरिफ वृद्धि को टालने और पावर एमनेस्टी की अवधि बढ़ाने की भी अपील की है।
फेडरेशन ने उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, पूर्व मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला, उपमुख्यमंत्री श्री सुरिंदर कुमार चौधरी सहित सभी संबंधित जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि वे जम्मू-कश्मीर के औद्योगिक क्षेत्र को तत्काल वित्तीय राहत प्रदान करने के लिए हस्तक्षेप करें, ताकि यह क्षेत्र बंद होने से बचाया जा सके।