
दिल्ली विधानसभा में बजट 2025-26 पेश होने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में पेश किए गए इस बजट को बीजेपी सरकार की “विकसित दिल्ली” की प्रतिबद्धता का ठोस कदम बताया गया। सरकार ने इसे केवल एक आर्थिक दस्तावेज नहीं, बल्कि दिल्ली के पुनरुत्थान और संकल्प पत्र को मूर्त रूप देने की गारंटी बताया।
राज्य की वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए पिछली सरकारों पर बड़ा आरोप लगाया कि हर साल बजट का तीन-चौथाई हिस्सा योजनाओं पर खर्च करने के बजाय प्रचार में झोंक दिया जाता था। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के काम स्वतः प्रचारित होते हैं, इसके लिए अनावश्यक विज्ञापनों पर पैसे बहाने की जरूरत नहीं पड़ती। कई राष्ट्रीय अखबारों ने भी इस बजट को “दिल्ली को पुनर्जीवित करने वाला बजट” करार दिया।
बजट सत्र के दौरान सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पिछली सरकारें जनता को बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरसा रही थीं। लोग अच्छे कॉलेज या बड़ी योजनाओं की मांग नहीं कर रहे थे, बल्कि वे सिर्फ इतना चाहते थे कि उनकी गलियां और सीवर दुरुस्त कर दिए जाएं। इस निराशाजनक माहौल में सरकार ने संकल्प लिया कि दिल्ली को एक नई दिशा दी जाएगी।

आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय स्तर पर 2023-24 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.67% रही, जबकि दिल्ली की विकास दर 7.4% दर्ज की गई, जो राष्ट्रीय औसत से कम थी। वित्त मंत्री ने इसे पिछली सरकार की नीतियों का नतीजा बताते हुए कहा कि आप सरकार के कार्यकाल में राजधानी के कुल राजस्व में रेवेन्यू का हिस्सा 58.7% से बढ़कर 77.63% हो गया, लेकिन पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर) को 41.73% से घटाकर 22.37% कर दिया गया, जिससे बुनियादी ढांचे में गिरावट आई।
सरकार ने अपने बजट में रोजगार, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। बजट में पूंजीगत व्यय को 86% बढ़ाकर 28,000 करोड़ रुपये किया गया है, जिससे सड़क निर्माण, नई बसों की खरीद और रोजगार के अवसर सृजित करने पर फोकस किया जाएगा। सरकार ने दिल्ली में 8 लाख नई नौकरियां पैदा करने की योजना बनाई है।
शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने बड़े ऐलान किए हैं। 60 नए सीएमश्री स्कूलों के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिनमें आधुनिक सुविधाएं, लैब्स, स्मार्ट क्लासरूम और खेल मैदान होंगे। सरकारी स्कूलों के कंप्यूटर लैब को आधुनिक बनाया जाएगा और 12 कॉलेजों में शिक्षकों व कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
दिल्ली को तार मुक्त बनाने और अवैध बस्तियों को व्यवस्थित करने के लिए ऊर्जा क्षेत्र में भी निवेश किया जाएगा। सरकार ने 15,000 होमगार्ड की भर्ती का ऐलान किया है और घुसपैठ की समस्या से निपटने के लिए लामपुर डिटेक्शन सेंटर को उन्नत करने की योजना बनाई गई है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि उनकी सरकार दिल्ली को लंदन और पेरिस बनाने की बात नहीं करती, बल्कि इसे वही दिल्ली बनाएगी जहां हर नागरिक स्वस्थ और खुशहाल रहे, हर घर में स्वच्छ पानी पहुंचे और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों। बजट में 31% की वृद्धि के साथ सरकार ने दिल्ली को “दिलवालों की दिल्ली” बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने इस बजट को दिल्ली की जनता को समर्पित करते हुए केंद्र सरकार के सहयोग से राजधानी के विकास का वादा किया।
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