
दिल्ली क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने ‘ऑपरेशन क्लीन स्वीप’ के तहत अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए एक बड़ी सफलता हासिल की है। दिल्ली, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और मेवात तक फैले इस गिरोह के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 10 तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 1667 ग्राम हाई-क्वालिटी अफगानी हेरोइन, 130 ग्राम संदिग्ध केमिकल, भारी मात्रा में नकद, 15 मोबाइल फोन, दो मोटरसाइकिल और 10 करोड़ रुपये की संपत्तियों का सुराग मिला है।
मुख्य आरोपी फैहीम फारूक की गिरफ्तारी से शुरू हुई जांच ने शाजिया पीर नाम की ड्रग सप्लायर तक पहुंच बनाई, जो जम्मू-कश्मीर की रहने वाली है और फिलहाल दिल्ली के जंगपुरा में रहती है। शाजिया न केवल बड़े स्तर पर ड्रग्स की सप्लाई में शामिल थी, बल्कि इंटरनेशनल कनेक्शन के जरिए अफगानिस्तान, पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन से जुड़ी थी।
शाजिया के इशारों पर फैहीम पंजाब के हरियाणा स्थित मुरथल से ड्रग्स की खेप लेकर दिल्ली आता था। इस रैकेट में शामिल एक अन्य आरोपी हरियाणा निवासी परविंदर सिंह उर्फ हैरी भी गिरफ्तार किया गया, जिसके पाकिस्तान और अफगानिस्तान से संपर्क थे। वहीं, अमृतसर और तरनतारण में फैले नेटवर्क से जुड़े सोनू, रवि, सलविंदर, मनजीत और जशनप्रीत जैसे कई नामी तस्करों को भी पुलिस ने धर दबोचा है।
जांच में खुलासा हुआ कि PUBG गेम के जरिए भी तस्करी के नए नेटवर्क तैयार किए जा रहे थे और बच्चों को ड्रग्स का कैरियर बनाने की साजिश भी रची जा रही थी।
इस बड़े ऑपरेशन के दौरान जब्त मोबाइल डेटा, व्हाट्सऐप चैट्स और डिजिटल सबूतों से यह साफ हो गया है कि गिरोह का संबंध सीमा पार से संचालित होने वाले मादक पदार्थों, हथियारों और विस्फोटकों के नेटवर्क से है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने इस गिरोह की 10 करोड़ की संपत्तियों को चिन्हित कर फ्रीज़िंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
क्राइम ब्रांच के मुताबिक जांच अभी जारी है और जल्द ही बचे हुए आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। इस ऑपरेशन ने एक बार फिर साबित किया है कि दिल्ली पुलिस नशे के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है।