
दिल्ली पुलिस के “ऑपरेशन मिलाप” के तहत एक और सराहनीय कार्य सामने आया, जहां दक्षिण-पश्चिम जिले की एएचटीयू टीम ने तीन लापता नाबालिग बच्चों को ढूंढकर उन्हें सुरक्षित उनके परिवारों से मिलाया। इनमें दो लड़के—13 वर्षीय ‘एस’ और 9 वर्षीय ‘वाई’—जबकि 15 वर्षीय एक लड़की ‘एस’ शामिल थी।
19 मार्च 2025 को पंजाबी बाग थाने में 15 वर्षीय लड़की के अपहरण/गुमशुदगी की शिकायत दर्ज हुई थी, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसी तरह, 25 मार्च को डाबड़ी थाने में दो नाबालिग लड़कों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई। इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए इंस्पेक्टर बलबीर सिंह की अगुवाई में एक विशेष पुलिस टीम बनाई गई, जिसमें महिला एसआई शिल्पी, एएसआई रामगोपाल, एएसआई शीशपाल, महिला हेड कांस्टेबल संगीता, शर्मिला और कांस्टेबल सीमा शामिल थीं।
टीम ने बच्चों के परिजनों, दोस्तों और परिचितों से संपर्क कर गहन जांच शुरू की। उनकी तस्वीरें विभिन्न संस्थानों, पुलिस अधिकारियों और स्थानीय लोगों में बांटी गईं। अथक प्रयासों के बाद आखिरकार 25 मार्च को 13 वर्षीय लड़का ‘एस’ पालम फ्लाईओवर के पास और 9 वर्षीय लड़का ‘वाई’ दिल्ली कैंट इलाके में सुरक्षित मिल गया। जांच में पता चला कि 15 वर्षीय लड़की हरियाणा के रेवाड़ी पहुंच गई थी, जहां से उसे भी सुरक्षित बरामद कर लिया गया।
तीनों बच्चों को आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं के बाद उनके परिवारों को सौंप दिया गया। इस सफल अभियान से न केवल तीन परिवारों को राहत मिली, बल्कि पुलिस की प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता की एक और मिसाल भी देखने को मिली।