नई दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े ऑपरेशन के तहत 20,000 रुपये के इनामी अपराधी संग्राम दास (38), निवासी बेगमपुर, दिल्ली (स्थायी निवासी ओडिशा), को कोलकाता, पश्चिम बंगाल से 1500 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद गिरफ्तार किया। संग्राम दास एक नवजात शिशु तस्करी रैकेट का सरगना था और लंबे समय से फरार चल रहा था। फरवरी 2024 में बेगमपुर थाना क्षेत्र के जैन नगर एक्सटेंशन में कुछ संदिग्ध परिस्थितियों में नवजात शिशु पाए गए थे, जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में मानव तस्करी के पुख्ता सबूत सामने आए, और पुलिस ने इस मामले में पहले ही 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। संग्राम दास तब से फरार था और उसे अदालत द्वारा ‘घोषित अपराधी’ करार दिया गया था।
क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर प्रियंका और उनकी टीम ने संग्राम दास की तलाश में कई जगह छापेमारी की। तकनीकी सर्विलांस और खुफिया तंत्र की मदद से आखिरकार पुलिस को उसकी जानकारी मिली। दिल्ली, एनसीआर, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में कई स्थानों पर छापेमारी करने के बाद, पुलिस टीम ने कोलकाता से उसे गिरफ्तार कर लिया। टीम में एसआई अंकुर यादव, एएसआई रोहित सोलंकी, हेड कांस्टेबल गुरुविंदर और नितिन सरोहा शामिल थे।
पूछताछ में संग्राम दास ने स्वीकार किया कि वह नवजात शिशुओं की तस्करी में लिप्त गिरोह का सरगना है। वह पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से नवजात शिशु खरीदकर उन्हें ऊंची कीमत पर बेचने का धंधा करता था। यह गिरोह गरीब परिवारों को बहला-फुसलाकर उनके नवजात शिशुओं को खरीद लेता था और उन्हें बेहतर परवरिश का झांसा देता था। साथ ही, वे अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक स्थानों से बच्चों को चुराकर बेचने का काम भी करते थे।
डीसीपी (क्राइम ब्रांच) संजय कुमार साईं ने बताया कि संग्राम दास की गिरफ्तारी से नवजात शिशुओं की तस्करी में शामिल बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है और गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों को पकड़ने की कोशिश जारी है।