दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम ने एक वर्ष से अधिक समय से अदालत की कार्यवाही से फरार चल रहे हत्या के प्रयास के आरोपी विनय कुमार उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी विनय, जो दिल्ली के बिंदापुर थाने में दर्ज एक मामले में वांछित था, को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था।
पीड़ित शंकर और आरोपी विनय दोनों कैब चालक थे। विनय, शंकर से नौकरी दिलवाने का दबाव बना रहा था। 29 अप्रैल 2018 को विनय शंकर के घर बीयर पीने के बहाने गया और सुबह होते ही विनय ने शंकर पर लाठी से हमला कर दिया और मौके से फरार हो गया। इस घटना के बाद बिंदापुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन जमानत पर रिहा होने के बाद वह अदालत की सुनवाई से लगातार अनुपस्थित रहा।
9 अक्टूबर 2024 को पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि विनय कुमार उपाध्याय आईजीआई एयरपोर्ट पर अपने एक सहयोगी से मिलने आएगा। इसके बाद पुलिस टीम ने टी-3 टर्मिनल के मल्टीलेवल कार पार्किंग के पास जाल बिछाया और विनय को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ के दौरान विनय ने अपने अपराध को स्वीकार किया। उसने बताया कि घटना के समय वह बेरोजगार था और अपने पड़ोसी शंकर से नौकरी पाने में मदद नहीं मिलने के कारण उसने इस अपराध को अंजाम दिया।
विनय कुमार उपाध्याय उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के जुझारपुर गांव का निवासी है। वह नौकरी की तलाश में दिल्ली आया और कैब चलाने लगा। 2018 में नौकरी खोने के बाद उसने यह अपराध किया और बाद में गिरफ्तारी से बचने के लिए अपना ठिकाना बदल लिया।