
नई दिल्ली, 24 जनवरी 2025:
दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच की एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) को उनके उत्कृष्ट कार्य और मानकीकृत प्रक्रियाओं के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा ISO-9001:2015 प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। यह प्रमाणपत्र यूनिट के वर्षों के समर्पण और नाबालिग बच्चों को उनके परिवारों से मिलाने के प्रयासों को मान्यता देता है।
2014 में स्थापित AHTU ने अब तक हजारों लापता और अपहृत बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया है। 2024 में यूनिट ने 227 नाबालिग बच्चों को खोजा, जिनमें से 89 बच्चे दिल्ली के बाहर से बरामद किए गए। इसके अलावा, 150 से अधिक FIRs को हल किया गया और 38 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
DCP क्राइम विक्रम सिंह और ACP अरुण चौहान के नेतृत्व में AHTU टीम ने दो महीने तक मेहनत कर अपने कार्यों और प्रक्रियाओं को मानकीकृत किया। BIS अधिकारियों ने यूनिट की कार्यप्रणाली का ऑडिट किया और इसे प्रमाणित किया।
आज, 24 जनवरी को, पुलिस आयुक्त श्री संजय अरोड़ा ने BIS अधिकारियों की उपस्थिति में AHTU को ISO प्रमाणपत्र सौंपा और उनकी मेहनत को सराहा। उन्होंने यूनिट के काम को “पेशेवर और अनुकरणीय” बताया और उन्हें लगातार इसी प्रतिबद्धता से काम करने के लिए प्रेरित किया।
आयोजन में पुलिस आयुक्त ने उन परिवारों से भी बातचीत की, जिनके बच्चों को AHTU ने खोजकर मिलाया। यह सम्मान न केवल AHTU की कार्यकुशलता को दर्शाता है, बल्कि मानवता के प्रति उनकी समर्पण भावना को भी दर्शाता है।