
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में कई ऐतिहासिक घोषणाएं की गईं। मंत्री ने कहा कि दिल्ली को आयुष चिकित्सा (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) का मॉडल राज्य बनाया जाएगा, जहां लोग तनाव और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का समग्र समाधान पा सकें।
सरकार जल्द ही एक इंटीग्रेटेड स्ट्रेस मैनेजमेंट प्रोग्राम शुरू करेगी, जिसमें योग, यूनानी और होम्योपैथी का समन्वय होगा। इसके साथ ही आधुनिक आयुष वेलनेस सेंटर की स्थापना की जाएगी, जहां रोकथाम आधारित इलाज और वेलनेस सेवाएं एक ही छत के नीचे मिलेंगी।
डॉ. सिंह ने कॉलेज हॉस्टलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने और मेडिकल स्टाफ को मरीजों के साथ शालीन व्यवहार और अस्पताल की स्वच्छता पर जोर देने के निर्देश दिए। झुग्गी और स्लम इलाकों तक आयुष चिकित्सा पहुंचाने के लिए विशेष मेडिकल अवेयरनेस वैन भी चलाई जाएंगी।
जल्द ही राष्ट्रीय आयुष मिशन को दिल्ली में लागू किया जाएगा, जिससे पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को मुख्यधारा की स्वास्थ्य व्यवस्था से जोड़ा जाएगा। दिल्ली सरकार का यह कदम राजधानी को न सिर्फ स्वस्थ, बल्कि आयुष के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।