
दिल्ली सरकार राजधानी को ‘भारत की इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) कैपिटल’ बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने घोषणा की कि 2027 तक दिल्ली की सभी बसें इलेक्ट्रिक हो जाएंगी, जिससे सार्वजनिक परिवहन प्रणाली पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त और आधुनिक हो जाएगी। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और नई तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है।
अप्रैल से दिल्ली की सड़कों पर 9 और 12 मीटर लंबी 1000 नई इलेक्ट्रिक बसें उतरेंगी, जिससे यात्रियों को बेहतर और अधिक सुलभ परिवहन सुविधा मिलेगी। खासतौर पर छोटी बसों को ग्रामीण और संकरी गलियों में चलाया जाएगा, ताकि वे इलाकों तक भी सार्वजनिक परिवहन की पहुंच हो जहां पहले बड़ी बसें नहीं जा पाती थीं। परिवहन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नई बसों की आपूर्ति में कोई देरी न हो और सभी प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
दिल्ली सरकार सार्वजनिक परिवहन को समयबद्ध, सुरक्षित और किफायती बनाने पर ध्यान दे रही है। महिलाओं की मुफ्त यात्रा योजना पहले की तरह जारी रहेगी, जिससे लाखों महिलाओं को राहत मिलेगी। साथ ही, अगले वित्त वर्ष तक डीटीसी को मुनाफे में लाने का लक्ष्य रखा गया है। भीड़भाड़ कम करने के लिए डीटीसी रूट रेशनलाइजेशन पर भी काम करेगी, जिससे व्यस्त रूटों पर बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी और यातायात का दबाव कम होगा।
ई-बसों की इस नई सौगात के साथ, दिल्ली का सार्वजनिक परिवहन न केवल अधिक पर्यावरण-अनुकूल होगा बल्कि राजधानी के ट्रैफिक और प्रदूषण की समस्या को भी कम करेगा। सरकार इस बदलाव को तेजी से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि आने वाले वर्षों में दिल्ली को देश की पहली पूर्ण ईवी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था वाला शहर बनाया जा सके।