
दिल्ली के लोक निर्माण, जल और सिंचाई मंत्री परिवेश साहिब सिंह ने राजधानी में पहली बार बिना टकराव और दोषारोपण के शासन की तस्वीर पेश की है। केंद्र, दिल्ली सरकार और एमसीडी—तीनों में बीजेपी की सरकार होने से समन्वयपूर्ण शासन का असर जमीन पर साफ दिख रहा है।
आई एंड एफसी विभाग की ओर से शहरभर की नालियों से अब तक 15 लाख मीट्रिक टन सिल्ट हटाई जा चुकी है और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी जारी है। विभाग में 156 नए पदों को स्वीकृति देकर क्षमता भी बढ़ाई गई है।
लोक निर्माण विभाग ने दिल्ली यूनिवर्सिटी क्षेत्र से नई सड़क टेंडर प्रणाली की शुरुआत की है। 35 पैकेजों में नालियों की सफाई के अलग-अलग टेंडर जारी हुए हैं, जिनमें 35% कार्य पूरा हो चुका है और बाकी का लक्ष्य 15 जून तक तय किया गया है। अब तक 100 किलोमीटर सड़कें रिसर्फेस की जा चुकी हैं, 90% अंधेरे इलाकों में रोशनी पहुंची है और 2,500 स्ट्रीटलाइट्स लगाई गई हैं। पुराने टेंडरों में विवादों से बचने के लिए मध्यस्थता की शर्तें भी हटा दी गई हैं।
जल विभाग की ओर से ‘वन सिटी, वन नंबर’ नियंत्रण प्रणाली लाई जा रही है, जिससे जल संकट की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई संभव होगी। जनसंख्या के आधार पर जल वितरण का संतुलन किया जाएगा और अवैध जल कनेक्शन पर भी सख्ती से रोक लगाई जा रही है। साथ ही घरेलू जल बिलों पर 90% तक छूट देने की योजना पर काम चल रहा है।
नई सीवर मास्टर प्लान तैयार हो रही है और इसके लिए वैश्विक टेंडर निकाला जाएगा। बिलिंग सॉफ्टवेयर को भी पारदर्शिता के लिए अपग्रेड किया जा रहा है।
सबसे अहम घोषणा यह रही कि 2027 तक दिल्ली की सभी 1800 अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइन पहुंचा दी जाएगी। परिवेश साहिब सिंह ने कहा, “यह दिल्ली में शासन का सबसे बड़ा सुधार है — अब कोई बहाना नहीं, कोई देरी नहीं, केवल काम और नतीजे।”