दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नशे के अवैध कारोबार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह से जुड़े छह तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और उनके कब्जे से कुल 5.737 किलो गांजा, जिसमें हाई-क्वालिटी ओजी गांजा भी शामिल है, बरामद हुआ है। साथ ही तीन गाड़ियां और दो पासपोर्ट भी जब्त किए गए हैं।
पुलिस के मुताबिक, यह सिंडिकेट थाईलैंड से सीधे भारत के अलग-अलग शहरों के जरिए दिल्ली-एनसीआर तक ड्रग्स की तस्करी कर रहा था। 26 अगस्त 2025 को खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए टीम ने सबसे पहले केसोपुर मंडी के पास छापेमारी कर दो तस्करों प्रताप सिंह और मेहराज खान को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से 3.7 किलो ओजी गांजा बरामद किया। इसके बाद 1 सितंबर को गिरोह के मुख्य सप्लायर अनिल कुमार सिंह को हैदराबाद से पकड़ा गया। उसकी निशानदेही पर उसके पैतृक गांव आज़मगढ़ (यूपी) से 2 किलो से ज्यादा ओजी गांजा मिला। 3 सितंबर को पुलिस ने चंदर विहार से सुरजीत सिंह, हरप्रीत सिंह और राजवंत सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस इंटरनेशनल सिंडिकेट का संचालन अनिल कुमार सिंह और दुबई में बैठे उसके साथी ईशान कर रहे थे। थाईलैंड से करीब डेढ़ लाख रुपये प्रति किलो की दर से गांजा खरीदकर यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर में 6 से 7 लाख रुपये प्रति किलो के भाव से बेचता था। इस नेटवर्क में अनिल कुमार ने विभिन्न कैरियर्स (पैक्स) को शामिल किया, जिन्हें थाईलैंड भेजा जाता था। वहां स्थानीय सप्लायर्स उन्हें सीलबंद पैकेट सौंपते थे और वापसी पर भारत के एयरपोर्ट—अमृतसर, चंडीगढ़, मुंबई या दिल्ली—से उतरने के बाद यह खेप दिल्ली पहुंचाई जाती थी। मेहराज और प्रताप दिल्ली में इन पैकेट्स को रिसीव करते और आगे डिलीवरी एजेंट्स तक पहुंचाते थे।
गिरफ्तार आरोपियों की पृष्ठभूमि भी सामने आई है। मेहराज खान दिल्ली के तिलक नगर का रहने वाला है और गारमेंट्स की दुकान चलाता है। प्रताप सिंह पहले ट्रैवल एजेंट था और तस्करी के लिए वीजा और टिकट की व्यवस्था करता था। अनिल कुमार सिंह लंबे समय तक बैंकॉक में रहा और वहीं से इस धंधे को अंजाम देता रहा। सुरजीत सिंह, हरप्रीत सिंह और राजवंत सिंह को कैरियर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था।
क्राइम ब्रांच का कहना है कि इस कार्रवाई से थाईलैंड से दिल्ली तक फैले एक बड़े इंटरनेशनल ड्रग नेटवर्क को ध्वस्त किया गया है। फिलहाल जांच जारी है और पुलिस इस सिंडिकेट से जुड़े बाकी लोगों की तलाश में जुटी है।







