
नई दिल्ली, 19 मई 2025:
देशभर में खेती को आत्मनिर्भर, आधुनिक और वैज्ञानिक बनाने की दिशा में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सोमवार को देश के सभी राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ एक महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में दिल्ली सरकार की ओर से विकास मंत्री कपिल मिश्रा ने भाग लिया और अभियान को लेकर राजधानी के लिए विशेष रणनीति साझा की।
बैठक में 29 मई से 12 जून 2025 तक चलने वाले ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की रूपरेखा पर चर्चा हुई। यह राष्ट्रव्यापी अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लैब टू लैंड’ और ‘विकसित भारत 2047’ के विजन को मूर्त रूप देने का एक बड़ा प्रयास है। इसका उद्देश्य देश के लाखों किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, वैज्ञानिक जानकारियों और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ना है।
दिल्ली में इस अभियान के अंतर्गत कुल 87 गांवों को शामिल किया जाएगा और 36 विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में किसानों को खरीफ फसल की वैज्ञानिक खेती, जैविक खेती और उत्पादकता बढ़ाने के तरीकों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। दिल्ली के विकास मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि अभियान के माध्यम से किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के साथ-साथ प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहे और कृषि टिकाऊ बने।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इस अभियान को पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू करेगी और सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं कि किसानों तक योजनाओं की जानकारी समय रहते पहुंचाई जाए और उनके हितों को प्राथमिकता दी जाए।
देशभर में यह अभियान 723 जिलों के 65,000 से अधिक गांवों में चलेगा, जिसमें 1.30 करोड़ से अधिक किसानों से सीधा संवाद होगा। इस महाअभियान में ICAR के वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विश्वविद्यालय, राज्य सरकारों के कृषि विभाग और नवाचार से जुड़े संस्थान एक टीम के रूप में कार्य करेंगे।
बैठक में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट कहा, “यह कार्यक्रम कोई औपचारिकता नहीं, बल्कि किसानों के जीवन में समृद्धि लाने का एक महायज्ञ है। यह ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास’ की भावना को साकार करते हुए कृषि क्षेत्र की तस्वीर और किसानों की तक़दीर बदलने का अभियान है।”
बैठक में सभी राज्यों के कृषि मंत्रियों ने अपने सुझाव दिए, जिन्हें शामिल करने का आश्वासन भी केंद्रीय मंत्री ने दिया। यह तय किया गया कि अभियान को अधिक जन-समावेशी, प्रभावी और किसान केंद्रित बनाया जाएगा, जिससे यह सिर्फ एक योजना न होकर एक जन-आंदोलन का रूप ले सके।