
दिल्ली पुलिस की साइबर टीम ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जो खुद को ग्रामीण विकास मंत्रालय का हिस्सा बताकर फर्जी वेबसाइटों के जरिए बेरोजगार युवाओं से पैसे ऐंठ रहे थे। यह गिरोह “नेशनल रूरल डेवलपमेंट एंड रिक्रिएशन मिशन” (NRDRM) के नाम पर फर्जी भर्तियों का जाल बिछा रहा था।
शिकायत के बाद जांच में सामने आया कि आरोपी “www.nrdrm.com” और “www.nrdrmvacany.com” जैसी वेबसाइटों के माध्यम से झूठे विज्ञापन जारी कर रहे थे, जिनमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों की तस्वीरें तक इस्तेमाल की गई थीं। इन साइट्स पर विज़िट करने वाले युवाओं से ₹299 और ₹399 के रजिस्ट्रेशन शुल्क की मांग की जाती थी, जो सीधे आरोपी के खातों में जाते थे और फिर अलग-अलग अकाउंट्स के जरिए निकाले जाते थे।
पुलिस ने तकनीकी निगरानी और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इस रैकेट के मास्टरमाइंड राशिद चौधरी और उसके सहयोगी इकबाल हुसैन को लक्ष्मीनगर से गिरफ्तार किया। छापेमारी के दौरान पुलिस ने दर्जनों मोबाइल फोन, सिम कार्ड, डेबिट कार्ड, फर्जी वेबसाइटें, चेकबुक, और अन्य तकनीकी उपकरण भी जब्त किए।
पूछताछ में पता चला कि राशिद एक संगठित गिरोह चला रहा था जिसमें वेबसाइट डिजाइनर, विज्ञापन ऑपरेटर और बैंक अकाउंट व सिम कार्ड जुटाने वाले लोग शामिल थे। दोनों आरोपी दिल्ली में अलग-अलग किराए के फ्लैट्स में रह रहे थे।
यह गिरफ्तारी न केवल एक बड़े साइबर फ्रॉड को उजागर करती है, बल्कि उन हजारों युवाओं को भी सतर्क करती है जो सरकारी नौकरी की तलाश में ठगों के जाल में फंस सकते हैं। दिल्ली पुलिस ने मामले को आगे I4C को सौंप दिया है ताकि इस रैकेट के और भी पहलुओं की जांच हो सके।