दिल्ली पुलिस की आईजीआई एयरपोर्ट थाना टीम ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए कुख्यात एजेंट गुरअमृतपाल सिंह मुल्तानी उर्फ पाली (54) को गिरफ्तार किया है। पाली पिछले कई सालों से फरार था और 2019 के एक मामले में वांछित चल रहा था। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, उस पर ऐसे ही सात मामले दर्ज हैं। दिलचस्प बात यह है कि अब वह कनाडा का परमानेंट रेजिडेंट है और अपने कॉलेज दिनों में कबड्डी का नेशनल लेवल खिलाड़ी भी रह चुका है।
मामला 2019 का है, जब इथियोपिया से 9 भारतीय यात्रियों को डिपोर्ट कर दिया गया था। उनके पास जो ‘कॉन्टीन्यूअस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट्स (CDC)’ पाए गए थे, वे सामोआ सरकार की ओर से जारी बताए गए थे, लेकिन सामोआ सरकार ने साफ किया कि ये CDC पूरी तरह फर्जी हैं। जांच के बाद मामला दर्ज किया गया और सामने आया कि यह फर्जी दस्तावेज़ पाली ने अपने साथियों के जरिए तैयार करवाए थे। उस समय पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी थी, लेकिन पाली कनाडा भाग गया था।
पुलिस की टीम को सूचना मिली कि वह भारत लौटा है। 29 सितंबर को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उसे दबोच लिया गया। पूछताछ में उसने बताया कि उसने गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी, पंजाब की ओर से कबड्डी खेली है और कनाडा में भी 1996-97 में हैमिल्टन पंजाब स्पोर्ट्स क्लब की ओर से कबड्डी खेल चुका है। 1995 में वह अपने परिवार संग कनाडा गया और 1999 में वहां की स्थायी नागरिकता (PR) हासिल कर ली। इसके बाद उसने पैसों के लालच में फर्जी दस्तावेज़ों का धंधा शुरू कर दिया और लाखों रुपये लेकर लोगों को नकली कागज़ात के सहारे विदेश भेजने लगा।
उस पर दर्ज मामलों की जांच में सामने आया है कि उसने जालंधर निवासी अपने सहयोगी के जरिए यात्रियों को नकली CDC उपलब्ध कराए। दो यात्रियों से उसने 20-20 लाख रुपये लिए थे। पुलिस का कहना है कि उसके खिलाफ दर्ज सात पुराने केसों की तफ्तीश भी दोबारा खोली जा रही है।
सितंबर 2025 के दौरान आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने नकली वीज़ा और पासपोर्ट से जुड़े मामलों में कुल 52 लोगों को पकड़ा है। इनमें वे आरोपी भी शामिल हैं जो पुराने मामलों में वांछित चल रहे थे।







