
भारतीय उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई द्वारा जारी SME मार्केट सेंटिमेंट इंडेक्स ने देश के लघु और मध्यम उद्यम (SME) मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए मजबूत विकास की उम्मीद जताई है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही (Q4) में व्यापार गतिविधियों में बीते तिमाही (Q3) की तुलना में सकारात्मक गति दर्ज की गई है और आने वाली पहली तिमाही (Q1 FY2026) के लिए भी उम्मीदें काफी उत्साहजनक हैं।
देशभर के 3,000 SME मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों के सर्वे पर आधारित इस रिपोर्ट में बताया गया है कि SME बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स (SME-BAI) 57.7 अंक पर रहा, जो गत तिमाही की तुलना में गतिविधियों के विस्तार को दर्शाता है। वहीं, बिजनेस आउटलुक इंडेक्स (SME-BOI) 60.3 अंक पर पहुंच गया, जिससे यह साफ है कि अगले तीन महीनों में भी कारोबार की गति तेज रहने वाली है।

पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने बताया कि सरकारी प्रयासों जैसे क्रेडिट सहायता, तकनीकी मदद, कौशल प्रशिक्षण और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार ने SME क्षेत्र को आत्मनिर्भर और जीवंत बना दिया है। रिपोर्ट में बताया गया कि नए ऑर्डर इंडेक्स 71.7 और उत्पादन इंडेक्स 66.7 तक पहुंच चुका है, जो मजबूत डिमांड और कारोबार की मजबूती का संकेत है।
रोजगार सूचकांक 55.0 और इन्वेंट्री इंडेक्स 60.0 रहा, जो यह दिखाता है कि कंपनियां मांग को देखते हुए स्टॉक बढ़ा रही हैं। साथ ही, 67% उद्यमियों ने अगले तिमाही में व्यापार गतिविधियों में सुधार की उम्मीद जताई है, 47% नई भर्तियों की योजना बना रहे हैं और 53% पूंजी निवेश बढ़ाना चाहते हैं।
पीएचडीसीसीआई के महासचिव और सीईओ डॉ. रंजीत मेहता ने कहा कि ये सूचकांक भारत की SME मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के स्वास्थ्य और भविष्य की दिशा को समझने में मदद करेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार के निरंतर सहयोग से अब तक 5 करोड़ से अधिक MSMEs औपचारिक रूप से दर्ज हुए हैं, जो रोजगार और निर्यात में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
पीएचडीCCI के मुख्य अर्थशास्त्री सनत कुमार ने कहा कि रिपोर्ट स्पष्ट रूप से SME सेक्टर में ग्रोथ, निवेश और रोजगार सृजन के उज्ज्वल संकेत देती है।