प्रयागराज महाकुंभ 2025 में राष्ट्रीय परशुराम परिषद ने भगवान परशुराम के जीवन और उनके अद्वितीय योगदान को भव्य रूप से प्रस्तुत करने की तैयारी पूरी कर ली है। परिषद के संस्थापक पंडित सुनील भराला ने बताया कि आयोजन स्थल पर 51 फुट ऊंची भगवान परशुराम की प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जो सनातन संस्कृति और परंपरा का प्रतीक बनेगी।
13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले इस 45-दिवसीय महाशिविर में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहेगी। यहां भगवान परशुराम के जीवन से जुड़े 56 प्रमुख स्थलों और 21 युद्धभूमियों को प्रदर्शित करने के लिए विशेष गैलरी बनाई जाएगी। साथ ही, परशुराम चालीसा और 1 लाख 8 हजार मूर्तियों का वितरण किया जाएगा, जिससे हर सनातन हिंदू परिवार भगवान परशुराम की उपासना कर सके।
महाकुंभ में पहली बार परशुराम कथा का आयोजन होगा, जिसमें चारों शंकराचार्य और देशभर के पूज्य संत अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। अंतरराष्ट्रीय विद्वानों, साहित्यकारों और इतिहासकारों के विचार-विमर्श से यह आयोजन ऐतिहासिक बन जाएगा।
इस आयोजन में पांच कुंडीय महायज्ञ, भगवान परशुराम के जीवन पर आधारित झांकियां और रथ यात्राएं मुख्य आकर्षण होंगे। परशुराम महाशिविर सनातन संस्कृति, धर्म और भगवान परशुराम के योगदान को जन-जन तक पहुंचाने का एक अनूठा प्रयास है, जो हर पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक सिद्ध होगा।