
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की साइबर शाखा ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो फर्जी क्रेडिट कार्ड समाधान के नाम पर लोगों को ठग रहा था। इस गैंग का मास्टरमाइंड अपने साथियों के साथ मिलकर एक ख़तरनाक साइबर फ्रॉड को अंजाम दे रहा था, जिसमें लोगों के फोन में .APK फाइल भेजकर उनकी निजी जानकारी चुरा ली जाती थी। इस केस में पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से छह स्मार्टफोन बरामद किए हैं, जिनमें बैंक ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड डिटेल, सीवीवी कोड, मोबाइल नंबर और पैन कार्ड की जानकारी संग्रहीत थी।
मामला तब उजागर हुआ जब एक भारतीय सेना के जवान को एक फोन कॉल आया, जिसमें उसे बताया गया कि उसके क्रेडिट कार्ड से अंतरराष्ट्रीय ट्रांजैक्शन हो रहा है। उसे भरोसे में लेकर फ्रॉडस्टर ने एक फर्जी बैंक एप्लिकेशन (.APK फाइल) भेजी और उसे डाउनलोड करने के लिए कहा। जैसे ही जवान ने ऐप इंस्टॉल किया, उसके खाते से महज पांच मिनट में 1.81 लाख रुपये निकल गए।
जांच में खुलासा हुआ कि यह साइबर ठग झारखंड के कुख्यात जामताड़ा और दुमका इलाकों से काम कर रहे थे। तकनीकी निगरानी और लगातार मॉनिटरिंग के बाद पुलिस टीम ने झारखंड के जारमुंडी इलाके में छापा मारा और इस गिरोह के सरगना मुन्ना कुमार बैद्य को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह इंस्टाग्राम और टेलीग्राम के जरिए 2,500 रुपये में एक .APK फाइल खरीदता था, जो केवल 24 घंटे के लिए वैध होती थी। यह गिरोह अलग-अलग बैंकों के ग्राहकों की गोपनीय जानकारी एक्सेल शीट्स के जरिए हासिल करता था और फिर ठगी को अंजाम देता था।
पुलिस ने इस गिरोह के अन्य सदस्यों पर शिकंजा कसते हुए दुमका और गोड्डा में छापेमारी की और एक अन्य आरोपी दिनेश कुमार मंडल को गिरफ्तार किया, जो ठगी के पैसों को मैनेज करता था। इस पूरे नेटवर्क को संचालित करने के लिए ठगों ने मबीक्विक और अन्य वॉलेट एप्लिकेशन का इस्तेमाल किया। पुलिस को इस गिरोह से जुड़े 5,500 कॉल्स और 27 साइबर फ्रॉड मामलों के सुराग मिले हैं।
दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम टीम की तेज़ कार्रवाई से एक बड़े साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। हालांकि, जांच अभी जारी है और पुलिस इस मामले में और भी आरोपियों को गिरफ्तार करने की तैयारी में है।