
नई दिल्ली के प्रतिष्ठित भारत मंडपम में आज “बिल्ड भारत एक्सपो 2025” का भव्य उद्घाटन हुआ। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (IIA) द्वारा आयोजित यह तीन दिवसीय प्रदर्शनी 21 मार्च 2025 तक चलेगी, जिसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को अपने नवीनतम उत्पादों और तकनीकों को प्रदर्शित करने का प्रभावशाली मंच मिल रहा है।
उद्घाटन समारोह में 20 से अधिक देशों के राजदूत, ट्रेड कमिश्नर, केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्री, उद्योग जगत के दिग्गज और अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल हुईं। भारतीय अर्थव्यवस्था में MSME सेक्टर की अहम भूमिका है, जो देश के कुल निर्यात में लगभग 45.73% का योगदान देता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार इस क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना जैसी महत्वपूर्ण नीतियां लागू कर रही है। इस योजना के तहत कारीगरों को कम ब्याज दर पर ऋण, आधुनिक उपकरणों की खरीद में सहायता और कौशल विकास जैसी सुविधाएं मिल रही हैं।
MSME मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मजबूत औद्योगिक ढांचे के निर्माण के लिए सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों का विकास अनिवार्य है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ग्रामीण और लघु उद्योगों को व्यापार के नए अवसर प्रदान करना इस एक्सपो का मुख्य उद्देश्य है। इस आयोजन में 151 से अधिक कंपनियां अपने औद्योगिक उत्पादों का प्रदर्शन कर रही हैं। रूस, ऑस्ट्रिया, जापान, मलेशिया, ईरान, कनाडा और सिंगापुर सहित 34 से अधिक देशों के बिजनेस डेलीगेशन इस आयोजन में भाग ले रहे हैं।
एक्सपो में ग्रीन और क्लीन एनर्जी, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, निर्माण सामग्री, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों के नवीनतम उत्पाद प्रदर्शित हो रहे हैं। “वोकल फॉर लोकल” और “लोकल टू ग्लोबल” जैसे विषयों पर विशेषज्ञों के विचार-विमर्श के लिए सेमिनार भी आयोजित किए जा रहे हैं। इस आयोजन में 500 से अधिक आर्किटेक्ट, 1000 से अधिक उद्यमी और 15,000 से अधिक बिजनेस विजिटर्स शामिल हो रहे हैं।
बिल्ड भारत एक्सपो 2025 व्यापारिक नेटवर्किंग को बढ़ावा दे रहा है और भारतीय MSMEs को वैश्विक बाजार से जोड़ने का अवसर प्रदान कर रहा है। इसके माध्यम से न केवल निवेश के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं, बल्कि भारतीय उद्योगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान भी मिल रही है। यह आयोजन भारतीय MSMEs को वैश्विक व्यापार जगत से जोड़ने, औद्योगिक क्षेत्र में नई संभावनाओं को साकार करने और “मेक इन इंडिया” को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रहा है।