नई दिल्ली, 07 अक्टूबर 2025 – महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर दिल्ली सरकार के समाज कल्याण एवं एससी/एसटी/ओबीसी कल्याण मंत्री श्री रविन्द्र इन्द्राज सिंह ने राजधानी के विभिन्न वाल्मीकि मंदिरों में जाकर पूजन किया और शोभायात्राओं में शामिल हुए। उन्होंने श्रद्धालुओं संग भगवान वाल्मीकि जी को नमन करते हुए कहा कि उनकी रचना रामायण केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि पारिवारिक मूल्यों, सामाजिक समरसता और मर्यादा के पालन की अमूल्य शिक्षा देती है।
श्री इन्द्राज ने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी की शिक्षाएं हमें “अंत्योदय” यानी समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने की प्रेरणा देती हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम द्वारा माँ शबरी के जूठे बेर खाना, केवट से मित्रता करना और वनवासियों के साथ सेना बनाना इस बात का उदाहरण है कि समाज का हर वर्ग एक सूत्र में बंधे तो समरस राष्ट्र का निर्माण संभव है।
मंत्री ने मंदिर मार्ग स्थित राष्ट्रीय वाल्मीकि मंदिर में भाजपा के अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लाल सिंह आर्य, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव श्री तरुण चुघ और अन्य पदाधिकारियों के साथ पूजन कर भगवान वाल्मीकि जी को पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दिल्ली में कांवड़ यात्रा, नवरात्रि और रामलीला के बाद अब भगवान वाल्मीकि जयंती का भव्य आयोजन सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और आस्था के सम्मान का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य और मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी के “विकसित दिल्ली” के संकल्प को अंत्योदय और राष्ट्रीय एकता के माध्यम से ही साकार किया जा सकता है। मंत्री ने कहा कि राम मंदिर निर्माण और भव्य रामलीलाओं के आयोजन से देश के सांस्कृतिक मूल्यों को नई दिशा मिली है।
श्री रविन्द्र इन्द्राज ने लोगों से अपील की कि दीपावली पर स्वदेशी उत्पादों और स्थानीय कलाकारों द्वारा निर्मित वस्तुओं को प्राथमिकता दें, ताकि प्रधानमंत्री जी के “हर घर स्वदेशी” संकल्प को बल मिले। उन्होंने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी की शिक्षाओं को आत्मसात कर ही एक शिक्षित, समरस और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण संभव है, जो अंततः एक विकसित भारत की नींव बनेगा।







