
नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर अपनी मजबूती का परिचय दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में देश की GDP में 7.4% की शानदार वृद्धि दर्ज की गई है, जो भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की सूची में और मजबूती से स्थापित करता है। फिक्की के वरिष्ठ उद्योग मंडल PHDCCI के अध्यक्ष हेमंत जैन ने शुक्रवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था ने 6.5% की स्थिर विकास दर दर्ज की है, जबकि नाममात्र GDP में 9.8% की बढ़ोतरी देखी गई है। यह बढ़त मुख्य रूप से मजबूत घरेलू खपत और निवेश के चलते संभव हो सकी है।
जैन ने कहा कि चौथी तिमाही में प्राइवेट फाइनल कंजप्शन एक्सपेंडिचर (PFCE) में 7.2% की वृद्धि हुई, जबकि Gross Fixed Capital Formation (GFCF) 7.1% बढ़ा, जो देश में निवेश की मजबूती और उद्योगों की सक्रियता को दर्शाता है।
GVA (सकल मूल्य वर्धन) की बात करें तो Q4 में सबसे अधिक 10.8% की वृद्धि निर्माण क्षेत्र में हुई, जबकि सार्वजनिक प्रशासन और रक्षा से जुड़े सेवाओं में 8.7% की बढ़त देखी गई। पूरे वर्ष के आंकड़ों में भी निर्माण क्षेत्र 9.4% की ग्रोथ के साथ सबसे तेज़ रहा। इसके बाद 8.9% के साथ सार्वजनिक प्रशासन और रक्षा सेवाएं और 7.2% की वृद्धि के साथ वित्तीय, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सेवाएं रहीं।
प्रति व्यक्ति GDP में भी सुधार देखने को मिला है। वास्तविक रूप में प्रति व्यक्ति GDP 5.5% बढ़कर ₹1.33 लाख हो गया, जबकि प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI) 5.4% की बढ़त के साथ ₹1.31 लाख तक पहुंच गई है।
आगे के दृष्टिकोण पर टिप्पणी करते हुए हेमंत जैन ने कहा कि आने वाले वित्त वर्ष 2025-26 में कृषि उत्पादन में सुधार, आधारभूत ढांचे में निरंतरता और मजबूत घरेलू खपत के चलते GDP में और तेज़ी की उम्मीद है। सरकार का सार्वजनिक निवेश और संरचनात्मक सुधारों पर केंद्रित रहना भारत की आर्थिक विकास गति को और बल देगा।
इस सकारात्मक आर्थिक संकेतक ने भारत को वैश्विक आर्थिक मंच पर एक तेज़ी से उभरती ताकत के रूप में फिर से स्थापित किया है।