दिल्ली: क्राइम ब्रांच की टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे और पैरोल जंपर पिंटू बिस्वास (50 वर्ष), निवासी नादिया, पश्चिम बंगाल को गिरफ्तार कर लिया है। पिंटू को अदालत ने एक महिला की हत्या के मामले में दोषी ठहराया था। वह पैरोल पर रिहा होने के बाद फरार हो गया था और तब से पुलिस को उसकी तलाश थी।
साल 2008 में पीएस शकरपुर, दिल्ली में घर की चोरी और महिला की हत्या का मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में तीन आरोपियों – मनोज, पिंटू बिस्वास और सांतो पाड़ा को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी मनोज मृतका के घर में नौकर का काम करता था और उसने अपने साथी आरोपियों के साथ मिलकर घर की चोरी और हत्या की साजिश रची थी। उन्होंने चोरी के दौरान महिला की पहचान छिपाने के लिए उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी।
जांच के दौरान, पिंटू बिस्वास और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया था और अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था। पिंटू को मई 2021 में पैरोल पर रिहा किया गया था, लेकिन वह पैरोल खत्म होने के बाद आत्मसमर्पण नहीं किया और तब से फरार था।
जेल अधिकारियों से मिली सूचना के आधार पर और मामले की गंभीरता को देखते हुए इंस्पेक्टर पवन कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें इंस्पेक्टर सतेंद्र मोहन और एसीपी/आईएससी श्री रमेश चंद्र लांबा की देखरेख में एसआई राकेश शर्मा, एएसआई सुरेश, हेड कांस्टेबल सुरेंदर, बृजेश, ललित और चंद्र प्रताप शामिल थे। इस टीम ने पैरोल जंपर पिंटू बिस्वास का पता लगाने के लिए कई संभावित ठिकानों की छानबीन की। आखिरकार, उन्हें सुराग मिला कि पिंटू नादिया, पश्चिम बंगाल में छिपा हुआ है। टीम ने पिंटू के रिश्तेदारों पर नजर रखी और उसे ट्रैक करते हुए गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उसे दिल्ली लाया गया और फिर से जेल भेज दिया गया।
पूछताछ में पिंटू बिस्वास ने खुलासा किया कि वह पहले लक्ष्मी नगर, दिल्ली में रहता था और रिक्शा चलाकर अपनी रोजी-रोटी कमाता था। उसके गांव के निवासी मनोज ने उसे घर की चोरी करने के लिए राजी किया। चोरी के दौरान उसने और मनोज ने महिला का गला दबाकर हत्या कर दी थी। पैरोल पर रिहा होने के बाद वह नादिया, पश्चिम बंगाल चला गया और लगातार अपना पता बदलता रहा ताकि पुलिस उसे पकड़ न सके। हालांकि, अंततः पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।