
देश में खुदरा महंगाई दर में बड़ी राहत देखने को मिली है। अप्रैल 2025 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर घटकर 3.16% पर आ गई है, जो पिछले साल अप्रैल 2024 के मुकाबले सबसे कम है। यह जुलाई 2019 के बाद से सबसे निचली सालाना हेडलाइन महंगाई दर है। फिक्की की उद्योग संस्था PHDCCI के अध्यक्ष हेमंत जैन ने इसे अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत बताया है।
उन्होंने कहा कि अप्रैल में CPI और खाद्य महंगाई दर में यह नरमी मुख्य रूप से सब्जियां, दालें, फल, मांस-मछली, अनाज और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स की कीमतों में गिरावट के चलते आई है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई है। अप्रैल 2025 में ग्रामीण CPI 2.92% और शहरी CPI 3.36% रही, जो अप्रैल 2024 में क्रमश: 5.43% और 4.11% थी।
जैन ने उम्मीद जताई कि RBI अब अगली मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक में ब्याज दरों में कटौती का फैसला ले सकता है, जिससे उद्योगों का कर्ज बोझ कम होगा और निवेश को गति मिलेगी।
उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में अच्छे मानसून की संभावना और कच्चे तेल की कीमतों के 60 से 65 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहने का अनुमान है, जिससे निजी उपभोग व्यय को बल मिलेगा और समग्र आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।