भारत मंडपम में आयोजित ‘आस्था लक्ष्मी महोत्सव’ का विषय था उत्तर पूर्व, इसकी खेल संस्कृति और एक प्रमुख खेल केंद्र के रूप में क्षमता
इस विशेष कार्यक्रम में मणिपुर की मशहूर मुक्केबाज और भारत का गौरव मैरी कॉम ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने पूर्वोत्तर को खेल प्रतिभा का केंद्र बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र देश को विश्वस्तरीय खिलाड़ी देने में सक्षम है।
मैरी कॉम ने अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए बताया कि मणिपुर जैसी जगह, जिसे महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित स्थानों में गिना जाता है, ने उन्हें आत्मनिर्भर और निर्भीक बनाया। यहां की संस्कृति में महिलाओं और पुरुषों दोनों के योगदान को समान महत्व दिया जाता है, जिससे लड़कियों को अपने सपनों को साकार करने की प्रेरणा मिलती है।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र है, बल्कि खेलों के क्षेत्र में भी भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। पूर्वोत्तर से उभरने वाली खेल प्रतिभाएं इस बात का प्रमाण हैं कि यहां के युवाओं में खेलों के प्रति विशेष रुझान और समर्पण है।
हालांकि, मैरी ने अपने जीवन की कठिनाइयों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि कैसे आर्थिक संघर्षों के बावजूद उन्होंने अपने सपनों को साकार किया और भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रोशन किया। उन्होंने युवा खिलाड़ियों को संदेश दिया कि सच्ची सफलता निरंतर अभ्यास और समर्पण से ही हासिल की जा सकती है।
कार्यक्रम के दौरान, मैरी कॉम ने इस बात पर भी जोर दिया कि कुछ खिलाड़ी एक पदक जीतने के बाद ही संतुष्ट हो जाते हैं, जबकि असली खिलाड़ी वह है जो निरंतर मेहनत कर देश के लिए नई ऊंचाइयों को छूता है।
‘आस्था लक्ष्मी महोत्सव’ ने पूर्वोत्तर की खेल प्रतिभाओं और उनके योगदान को उजागर करने का मंच प्रदान किया। यह कार्यक्रम न केवल खेल क्षेत्र में पूर्वोत्तर की भूमिका को रेखांकित करता है, बल्कि आने वाले समय में इसे एक प्रमुख खेल केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में प्रेरणा भी देता है।