
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री श्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने राजधानी के नालों में बिना ट्रीटमेंट सेप्टेज डंपिंग पर गंभीर चिंता जताते हुए इसे पूर्ववर्ती सरकार की घोर लापरवाही करार दिया। उन्होंने कहा कि एनजीटी की बार-बार चेतावनियों और करोड़ों रुपये के जुर्माने के बावजूद यमुना की सफाई को नजरअंदाज किया गया।
मंत्री ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को 7 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट और 10 दिन में ठोस एक्शन प्लान पेश करने के निर्देश दिए हैं। सिरसा ने स्पष्ट कहा कि पिछली सरकारों ने न तो जनता की परवाह की और न ही यमुना की। यहां तक कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सफाई को वोट से जोड़कर अपनी गैर-जिम्मेदारी का परिचय दिया।
मौजूदा सरकार ‘मिशन यमुना क्लीनअप’ के तहत अब एक-एक गलती को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है। अप्रैल 2025 में 2.42 करोड़ लीटर सेप्टेज को ट्रीट किया गया है, और अब अवैध डंपिंग रोकने के लिए एक सशक्त कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मंत्री ने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली जल्द ही स्वच्छ यमुना की ओर बढ़ेगी।