नई दिल्ली, 24 सितंबर: रिटेल सेक्टर में ई-इनवॉइसिंग लागू करने के लिए डिज़ाइन आर्किटेक्चर लगभग तैयार है और इसे उद्योग विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा के लिए भेजा जा रहा है। यह जानकारी मंगलवार को GST नेटवर्क के सीईओ मनीष कुमार सिन्हा ने एक कार्यक्रम के दौरान दी।
सिन्हा ने एसोचैम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “शुरुआत में हम एक पायलट प्रोजेक्ट करेंगे। आर्किटेक्चर का डिज़ाइन लगभग तैयार है और इसे उद्योग के बेहतरीन विशेषज्ञों से समीक्षा करवाया जा रहा है। इसके बाद, हम एक दस्तावेज़ जारी करेंगे कि इसे कैसे लागू किया जाए।”
ई-इनवॉइसिंग की अनिवार्यता के लिए व्यापारिक संस्थानों की न्यूनतम सीमा पर भी विचार किया जा रहा है। सिन्हा ने कहा कि छोटे व्यापारियों और स्टोर मालिकों को इसके लिए समय दिया जाएगा ताकि वे अपनी तकनीकी व्यवस्था को तैयार कर सकें। उन्होंने कहा, “बड़े संगठित रिटेलर्स, ई-कॉमर्स ऑपरेटर और बड़ी कंपनियों के पास पहले से ही मजबूत आईटी सिस्टम मौजूद हैं। इसलिए हम कम से कम इन्हें इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं।”
गौरतलब है कि GST कानून के तहत B2B लेनदेन के लिए ई-इनवॉइसिंग 1 अक्टूबर 2020 से उन कंपनियों के लिए अनिवार्य की गई थी, जिनका वार्षिक कारोबार 500 करोड़ रुपये से अधिक था। बाद में इसे उन कंपनियों के लिए भी लागू किया गया जिनका कारोबार 5 करोड़ रुपये से अधिक है।